फ्रांस 100 साल बाद ओलंपिक का आयोजन कर रहा है, लेकिन ऐसा नहीं लगता है कि खेलों के इस महाकुंभ में हिस्सा लेने आए दूसरे देशों के खिलाड़ी सुखद यादें लेकर लौटने वाले हैं। पेरिस में ओलंपिक खिलाड़ियों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
खेलगांव से स्टेडियम तक खिलाड़ियों को ले जाने वाली बसें नॉन-एसी हैं। खेल गांव से टेबल टेनिस एरिना तक बस से जाने में 45 मिनट लगते हैं। इस दौरान खिलाड़ी बस के शीशे तक नहीं खोल सकते। ऐसे में मैच से पहले खिलाड़ियों की क्या हालत होगी, इसका अंदाजा स्वतः लगाया जा सकता है।
नॉन-एसी बस में यात्रा करना नरक जैसा
एक महिला एथलीट ने नाम नहीं उजागर करने का अनुरोध करते हुए बिना एयर-कंडीशन वाली बस में यात्रा करना को ‘नरक की यात्रा’ जैसा करार दिया। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘वेंटिलेशन के लिए एक छोटा सा वेंट था, लेकिन आप खिड़कियां नहीं खोल सकते थे, इसलिए यह बिल्कुल दमघोंटू था। एरिना में प्रवेश करने से पहले ही मुझे पसीना आ रहा था। बस के अंदर की तुलना में बाहर ठंडक थी।’
हालांकि, वह अकेली शिकायत करने वाली नहीं है। गर्मी उन एथलीट्स की ओर से उजागर की गई परेशानियों में से एक है, जो करीब 9 बिलियन डॉलर की लागत वाले खेलों के लिए पेरिस पहुंचे हैं। परिवहन की परेशानी के अलावा, पेरिस में ओलंपियन खाली पेट या अपने सामान की चिंता के कारण पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं।
अमेरिकियों ने उड़ाया बेडरूम का मजाक
एक जापानी रग्बी खिलाड़ी की वेडिंग रिंग चोरी हो गई। एक ऑस्ट्रेलियाई कोच ने क्रेडिट कार्ड के चोरी होने की शिकायत की है। अमेरिकी खिलाड़ियों ने तंग बेडरूम का मजाक उड़ाया है। दक्षिण कोरियाई तैराक परिवहन समस्याओं का हवाला देते हुए सिर्फ एक दिन बाद ही बाहर निकल गए। वहीं भारतीयों को लगता है कि पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा है। ब्रिटेन के खिलाड़ियों ने तो अपना शेफ ही बुला लिया है।
हजारों एथलीट्स के लिए, विशाल ओलंपिक गांव एक ‘घर’ है, लेकिन वे घर जैसा महसूस नहीं कर रहे हैं। भारत के शीर्ष रैंक वाले एकल टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल ने कहा, ‘सोने से लेकर बस और खाने तक… मुझे नहीं लगता कि मैंने जिन एथलीट्स से बात की है, उनमें से कोई भी संतुष्ट है।’
बैडमिंटन डबल्स स्टार चिराग शेट्टी ने स्वीकार किया कि वह यह नहीं कहेंगे कि यह सबसे अच्छा था। मुक्केबाज अमित पंघाल पास के एक भारतीय रेस्तरां से रात के खाने के लिए दाल और रोटी मंगवा रहे हैं। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु ने बुधवार को नॉकआउट राउंड में अपना स्थान सुरक्षित करने के बाद कहा कि उन्हें यकीन नहीं था कि अन्य लोग अच्छी तरह सो पाएंगे।
कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए, पेरिस ओलंपिक आयोजकों ने एथलीट्स के कमरों के अंदर एसी को हटाने का फैसला किया। हो सकता है कि इस महान विचार को लागू करते समय आयोजकों ने पेरिस में आई भीषण गर्मी का ध्यान नहीं रखा। इस कारण ओलंपियन पसीने से तरबतर होकर छोटे-छोटे कमरों में रहने को मजबूर हो गए।
10 खिलाड़ी और सिर्फ 2 बाथरूम
इस सप्ताह की शुरुआत में, अमेरिकी टेनिस सनसनी कोको गॉफ ने अपने फॉलोअर्स को टिकटॉक पर उन कमरों की झलक दिखाई, जहां वह और उनकी टीम के साथ रह रही हैं। वीडियो में चीखने-चिल्लाने वाले साउंड इफेक्ट थे, जिसके कैप्शन में लिखा था, ‘10 लड़कियां, दो बाथरूम।’
एक भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी ने कहा, ‘कार्डबोर्ड बेड इतने असुविधाजनक हैं कि जिन पर पहली दो रात शांति से सो तक नहीं पाए। यह कुछ ऐसा है जिसकी हमें अभी आदत नहीं है। असली समस्या डाइनिंग हॉल में है, जहां या तो भोजन नहीं है या अगर उपलब्ध है, तो कतार बहुत लंबी है।’
आपूर्ति संबंधी समस्याओं ने फुटबॉल के मैदान के आकार के डाइनिंग एरिया को खराब कर दिया है। 3,500 सीटों वाला हॉल में लगभग 15,000 लोग भोजन करने को मजबूर हैं। खाने के लिए कितनी लंबी कतारें लगती होंगी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पहले दिन से ही प्रतिदिन 40,000 लोगों को भोजन परोसा जा रहा है।
डाइनिंग हॉल पहुंचने से पहले ही खत्म हो रहा खाना
शटलर तनीषा क्रैस्टो ने कहा कि जिस दिन मेन्यू में राजमा था, ‘हमारे डाइनिंग हॉल के पहुंचने से पहले ही वह खत्म हो गया और कंटेनर्स को फिर से नहीं भरा गया।’ प्रमुख फ्रांसीसी खेल समाचार पत्र एल इक्विप के अनुसार, केवल शाकाहारी वस्तुओं की ही कमी नहीं पड़ रही है, बल्कि अंडे और ग्रिल्ड मीट की भी कमी है।
भारतीय दल के एक पदाधिकारी ने बताया कि इस मुद्दे को आयोजकों के समक्ष उठाया गया है और धीरे-धीरे सेवाएं फिर से सामान्य हो रही हैं। पदाधिकारी ने बताया, ‘हमने अपने एथलीट्स को बाहर से ऑर्डर करने में सावधानी बरतने की सलाह दी है क्योंकि हम गुणवत्ता के बारे में सुनिश्चित नहीं हो सकते हैं। खेल गांव के अंदर, कम से कम गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा।’
परिवहन के लिए भारतीय दल ने की अतिरिक्त तैयारी
इस बीच, भारतीय दल अन्य मुद्दों के लिए खुद को तैयार कर रहा है जो उनके नियंत्रण में हो सकते हैं। उस सूची में सबसे ऊपर परिवहन है। टीम इंडिया ने एथलीट्स को खेल गांव से खेल स्थलों तक ले जाने के लिए एक स्टेशन वैगन, एक मिनी एसयूवी, दो मिनीवैन और चार अन्य वाहन स्टैंडबाय पर रखे हैं।
पदाधिकारी ने बताया, ‘हम हर रात अगले दिन के कार्यक्रम को देखते हैं और प्रतिस्पर्धा करने वाले हर एथलीट के लिए वाहन आवंटित कर देतें हैं। यह एक बैक-अप है, बस अगर बस देर से चलती है, तो यह काम आ सकता है। यह योजना बैडमिंटन खिलाड़ियों और घुड़सवारी टीम के सदस्यों के लिए काम आई।’
जापानी खिलाड़ी की वेडिंग रिंग चोरी
खेल गांव में चोरी की घटनाएं सामने आने के बाद भारतीय एथलीट्स को अपने कमरों के अंदर तिजोरी का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है। जापान टाइम्स के अनुसार, देश के एक रग्बी सेवेंस खिलाड़ी ने खेलगांव के अंदर अपने कमरे से वेडिंग रिंग, एक हार और नकदी की चोरी होने की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। अनुमानित मूल्य 3,000 यूरो (करीब 2 लाख 70 हजार रुपये) था।
ऑस्ट्रेलियाई हॉकी टीम के कोच का क्रेडिट कार्ड चोरी
ले पेरिसियन ने बताया कि एक ऑस्ट्रेलियाई हॉकी टीम के कोच ने क्रेडिट कार्ड की चोरी के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यक्ति से उसके बैंक ने 1,500 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर के ‘संदिग्ध लेनदेन’ के लिए संपर्क किया था। इस बीच, नागल ने कहा कि वह खेल गांव में मिली सुविधाओं से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘यह हर खेल के लिए दुनिया का सबसे बड़ा टूर्नामेंट है। मुझे लगता है कि वे बेहतर काम कर सकते थे।’