भारत 2019-2023 के बीच सभी प्रारूपों में 81 मैचों की मेजबानी करेगा जो मौजूदा भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) से 30 अधिक है, लेकिन व्यस्त क्रिकेटरों को प्रत्येक साल कम दिन क्रिकेट खेलनी होगी, क्योंकि बीसीसीआई ने कम रैंकिंग वाली टीमों के साथ टेस्ट मैचों में कटौती करने का फैसला किया है। सोमवार को बीसीसीआई की विशेष आम बैठक (एसजीएम) में सदस्यों के बीच एफटीपी पर सर्वसम्मति से सहमति बनी। अगले एफटीपी के दौरान भारत स्वदेश में इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाई प्रोफाइल श्रृंखलाएं खेलेगा। इसके अलावा कप्तान विराट कोहली की खिलाड़ियों की थकान से संबंधित शिकायत पर भी गौर किया गया। अब कार्यकारी समूह इस पर अंतिम फैसला करेगा। इस समूह में बीसीसीआई के तीनों पदाधिकारी शामिल हैं।
बोर्ड के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘इससे पहले पांच साल के चक्र (2019-2023) तक के लिए प्रस्तावित एफटीपी में सभी प्रारूपों में 51 मैचों का प्रावधान था। नए प्रस्ताव में इस चक्र में 81 घरेलू मैचों का प्रावधान है।’’ चौधरी ने कहा कि घरेलू श्रृंखलाओं में मैचों के दिनों की संख्या में 20 प्रतिशत कमी होगी, लेकिन मैचों में 60 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हो जाएगी। हालांकि एक शीर्ष अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा कि कम रैंकिंग वाली टीमों के खिलाफ कम श्रृंखलाएं खेली जाएंगी।
अभी यह नहीं पता चला है कि किस प्रारूप में कितने मैच खेले जाएंगे लेकिन चौधरी के बयान से यह साफ हो गया कि भारत घरेलू श्रृंखलाओं में अधिक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेगा जबकि अधिकतर बड़ी टेस्ट श्रृंखलाएं ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली जाएंगी। इससे जिस प्रारूप को सबसे अधिक नुकसान होगा, वह द्विपक्षीय एकदिवसीय क्रिकेट है। चौधरी ने कहा, ‘‘हमारे आधे घरेलू मैच तीन बड़ी टीमों ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ खेले जाएंगे।’’ चौधरी से पूछा गया कि इसका मतलब है कि केवल चार देश ही एक-दूसरे के खिलाफ अधिक टेस्ट मैच खेलेंगे, उन्होंने कहा, ‘‘आप ऐसा कह सकते हो।’’
बोर्ड सचिव से पूछा गया कि कोहली के थकान के मसले पर कितना गौर किया गया, उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय टीम को 2015 से 2019 के बीच सभी प्रारूपों (देश और विदेश) में 390 दिन क्रिकेट खेलनी थी। नए प्रस्ताव में 2019 से 2023 के बीच उन्हें 306 दिन ही क्रिकेट खेलनी होगी।’’ इसका मतलब है कि पिछले चक्र में भारतीय टीम के लिए औसतन 97.5 दिन थे जो अगले चक्र में 76.5 दिन हो जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी और विश्व कप शामिल नहीं हैं जिनकी मेजबानी क्रमश: 2021 और 2023 में भारत को करनी है।’’
नया एफटीपी इस तरह से तैयार किया गया है ताकि अक्तूबर 2018 में बीसीसीआई को अच्छा प्रसारण करार हासिल हो। अभी वर्तमान प्रसारण अधिकार स्टार स्पोर्ट्स के पास हैं जिसकी अवधि मार्च 2018 में समाप्त हो रही है। अन्य मसलों में बीसीसीआई ने कोच्चि टस्कर्स केरला के खिलाफ अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखने का फैसला किया जिसने हाल में 850 करोड़ रुपए के मुआवजे का दावा जीता था। चौधरी ने कहा, ‘‘कोच्चि के पक्ष में फैसला दिया गया था जिसको बीसीसीआई ने चुनौती दी है। हालांकि हमारी इस पूर्व फ्रेंचाइजी के साथ अदालत से बाहर मामला सुलझाने के संदर्भ में बात हुई थी। इसके बाद हमने अपनी कानूनी टीम को यह मामला सौंप दिया। हमने फैसला किया कि हमें अदालत से बाहर यह मामला नहीं सुलझाना चाहिए। हम कानूनी प्रक्रिया जारी रखेंगे।’’
एसजीएम में एक अन्य फैसला राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) का निलंबन हटाने का किया गया लेकिन इस शर्त के साथ कि पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी आरसीए के संचालन से दूर रहेंगे। बीसीसीआई ने क्रिकेटरों के डोप परीक्षण के मुद्दे पर भी अपना रुख बरकरार रखते हुए कहा कि नाडा को खिलाड़ियों का परीक्षण करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि बोर्ड वाडा के नियमों का पालन करता है।