भारत-बांग्लादेश के बीच निदास ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला 18 मार्च को खेला गया, जिसमें टीम इंडिया ने जीत दर्ज की। इस मैच में कप्तान रोहित शर्मा ने विजय शंकर को छठे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा। हालांकि पूरी सीरीज में विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक इस नंबर पर बैटिंग के लिए आए लेकिन रोहित शर्मा के इस फैसले ने सभी को चौंका दिया। विजय शंकर भी खुद रोहित की आशाओं पर खरे नहीं उतरे और 17 गेंदों में महज 19 ही रन बना सके। आलम ये रहा कि जब भारत को जीत के लिए बड़े शॉट्स की दरकार थी ऐसे में 18वें ओवर में विजय 5 गेंदें खेलकर महज 1 ही रन टीम के खाते में जोड़ सके। वो भी लेग बाई के रूप में।

इस खराब प्रदर्शन के बाद विजय शंकर की जमकर आलोचनाएं होने लगीं। खुद विजय ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में बताया, “मैं बहुत परेशान था और होटल पहुंचकर कमरे का दरवाजा बंद कर लिया। इसके बाद खुद दिनेश कार्तिक ने कमरे का दरवाजा खटखटाया और मुझे धैर्य रखने को कहा। इन सबसे मेरे हौसला लौट आया।”

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विजय ने आगे कहा, “उस रात मैं ये ही सोचता रहा कि अगर कार्तिक ने आखिरी बॉल पर वो छक्का ना मारा होता, तो हम हार चुके होते। ऐसे में क्या होता? अगर मैंने इतनी डॉट बॉल ना खेली होती, तो हम मुकाबला आसानी से जीत जाते।” विजय शंकर मैच जितवाने पर दिनेश कार्तिक के आभारी जरूर हैं लेकिन इस बात से निराश भी कि उन्होंने अपने बल्ले से मैच जीतने का शानदार मौका गंवा दिया।

बता दें कि दिनेश कार्तिक (29 रन, 8 गेंद, 2 चौके, 3 छक्के) की आतिशी पारी के दम पर भारत ने आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए निदास ट्रॉफी के फाइनल मैच में बांग्लादेश को चार विकेट से हरा दिया था। भारत को अंतिम गेंद पर जीत के लिए पांच रन चाहिए थे और कार्तिक ने मिडविकेट के ऊपर से छक्का लगाते हुए भारत को यादगार जीत दिलाई।