राष्ट्रीय खेल महासंघों द्वारा यौन उत्पीड़न रोकथाम (पीओएसएच) कानून के तहत प्रावधानों का पालन नहीं करने को उजागर करने वाली इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लेते हुए, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने गुरुवार 11 मई 2023 को युवा मामले और खेल मंत्रालय के साथ-साथ दोषी खेल निकायों को नोटिस जारी किए। एनएचआरसी (NHRC) ने भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को भी नोटिस भेजा है।

नोटिस में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए महासंघों को चार सप्ताह का समय देते हुए एनएचआरसी ने कहा है कि यौन उत्पीड़न रोकथाम कानून का पालन नहीं करना एक चिंता का विषय है जो खिलाड़ियों के कानूनी अधिकार और सम्मान को प्रभावित करता है।

पिछले महीने सरकार द्वारा गठित एमसी मैरीकॉम की अगुआई वाली समिति ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ देश के कुछ शीर्ष पहलवानों की ओर से यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच की। शिकायत में एक आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के नहीं होने ओर इशारा किया गया था, जबकि यौन उत्पीड़न रोकथाम कानून 2013 के तहत यह अनिवार्य है।

चार मई 2023 को द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट से पता चला कि इस कानून का उल्लंघन करने वाला कुश्ती महासंघ अकेला खेल निकाय नहीं था, बल्कि 2018 एशियाई खेलों, 2021 में टोक्यो ओलंपिक और 2022 में राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने वाले 30 में से 16 खेल महासंघों ने पूरी तरह से आईसीसी का पालन नहीं किया।

गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में, एनएचआरसी ने कहा, आयोग ने मीडिया रिपोर्ट देखी है। यदि यह सही है तो यह कानून का उल्लंघन है और इसलिए यह चिंता का विषय है, क्योंकि यह खिलाड़ियों के कानूनी अधिकार और सम्मान को प्रभावित कर सकता है।

NHRC ने इन फेडरेशन को भेजा नोटिस

एनएचआरसी (NHRC) ने सचिव, खेल विभाग (खेल और युवा मामले मंत्रालय), रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI), स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) और बीसीसीआई (BCCI) के अलावा 15 अन्य महासंघों हैंडबॉल, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, भारोत्तोलन, नौकायन, जिम्नास्टिक, टेबल टेनिस, बिलियर्ड्स और स्नूकर, कयाकिंग और कैनोइंग, जूडो, स्क्वैश, ट्रायथलॉन, कबड्डी, बैडमिंटन और तीरंदाजी की गर्वनिंग बॉडीज को भी नोटिस भेजा है।

एनएचआरसी ने कहा, उन्हें 4 सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है, जिसमें उनके संगठन में आईसीसी की वर्तमान स्थिति के साथ-साथ इस मुद्दे को हल करने के लिए उठाए गए या उठाए जाने वाले कदम भी शामिल हैं।

ICC में होने चाहिए 2 महिलाओं समेत 4 सदस्य

कानून के अनुसार, कम से कम आधी महिलाओं समेत ICC में कम से कम चार सदस्य होने चाहिए। इनमें से एक बाहरी सदस्य होगा, अच्छा यह हो कि वह एक गैर सरकारी संगठन या ऐसे संघ से हो जो महिला सशक्तिकरण के लिए काम करता है या एक वकील जैसा, जो यौन उत्पीड़न संबंधित मुद्दों से परिचित हो।

रेसलिंग समेत 5 महासंघों में ICC ही नहीं

सभी 30 महासंघों की आधिकारिक घोषणाओं की समीक्षा करने के बाद, द इंडियन एक्सप्रेस ने पाया था कि कुश्ती समेत 5 महासंघों के पास ICC भी नहीं है। चार महासंघों में सदस्यों की निर्धारित संख्या नहीं है; अन्य छह में अनिवार्य बाहरी सदस्य की कमी थी और एक फेडरेशन के दो पैनल थे, लेकिन कोई भी स्वतंत्र सदस्य नहीं था।