भारत और न्यूजीलैंड महिला क्रिकेट टीम के बीच रविवार को हैमिल्टन में खेले गए तीसरे टी-20 मैच में भारत आखिरी गेंद पर दो रन से मैच हार गया। आखिरी गेंद पर भारत को जीत के लिए चार रनों की जरूरत थी, स्ट्राइक पर अनुभवी मिताली राज मौजूद थी। मिताली के पास मैच जिताने का सुनहरा मौका था, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकी और सिर्फ सिंगल ही ले पाईं। इसके साथ ही भारत को आखिरी मैच में भी दो रनों से हार का सामना करना पड़ा। सीरीज को पहले ही अपने नाम कर चुकी न्यूजीलैंड की टीम ने भारत को 3 मैचों की सीरीज में क्लीन स्विप किया। भारत की बाएं हाथ की ओपनर स्मृति मंधाना ने शुरुआत में धमाकेदार पारी खेली। मंधाना ने 61 गेंदों में शानदार 86 रन बनाने का काम किया। इससे पहले कीवी टीम ने मैच में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट खोकर 161 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज सोफी डिवाइन ने टीम के लिए सबसे अधिक 52 गेंदो पर 72 रनों की पारी खेली।
भले ही टीम हार गई हो, लेकिन भारतीय महिला टी-20 क्रिकेट टीम की उपकप्तान स्मृति मंधाना ने इस मैच में खास रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर लिया है। इस पारी के दौरान मंधाना ने टी-20 करियर का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारत को अंतिम पांच ओवर में जीत के लिए 39 रन की दरकार थी। भारत की उम्मीदों को उस समय झटका लगा जब स्मृति ने डिवाइन की गेंद को बड़ा शाट खेलने की कोशिश में गेंद में हवा में लहरा दिया और ताहुहु ने इसे लपकने में कोई गलती नहीं की। दीप्ति ने केर पर छक्के के साथ गेंद और रनों के बीच के बढ़ते अंतर को कुछ कम किया। कास्पेरेक के पारी 18वें ओवर में सिर्फ पांच रन बने जिससे भारत को अंतिम दो ओवर में जीत के लिए 23 रन की दरकार थी।
कास्पेरेक के पारी 18वें ओवर में सिर्फ पांच रन बने जिससे भारत को अंतिम दो ओवर में जीत के लिए 23 रन की दरकार थी। डिवाइन के अगले ओवर में मिताली ने चौका जड़ा लेकिन इसके बावजूद इस ओवर में सिर्फ सात रन बने। भारत को अंतिम छह गेंदों पर 16 रन की जरूरत थी। मिताली और दीप्ति ने कास्पेरेक के ओवर में एक-एक चौका जड़ा लेकिन इसके बावजूद 13 रन ही बना सकीं।