संघर्ष और जुनून किसी भी इंसान को सफलता के शीर्ष पर पहुंचा देती हैं। मुश्किलें भले ही रास्ते रोकने का कितना भी प्रयत्न क्यों न करें लेकिन जब कोई इंसान चट्टान से हौसलों के साथ उसका मुकाबला करता है तो फिर बाधाएं सिर्फ अतीत का हिस्सा बनती जाती हैं। ऐसी ही एक सफलता की कहानी खेल के मैदान पर गढ़ी है नवदीप सैनी ने। जिंदगी की तमाम चुनौतियों ने सैनी का रास्ता रोकने की कोशिश जरूर की लेकिन उनके संघर्ष की रफ्तार ने कभी उन्हें अधीर नहीं किया। उसी की बदौलत अब उनपर चयनकर्ताओं ने भरोसा जताया है और वेस्टइंडीज दौरे के लिए उन्हें टीम में शामिल किया है।

पिता बने संबलः नवदीप सैनी को विंडीज दौरे के लिए वनडे और टी-20 टीम में जगह मिली है। नवदीप अपनी रफ्तार के लिए जाने जाते हैं और इस सीजन आईपीएल में कोहली की टीम आरसीबी के साथ खेलते हुए उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया और सुर्खियों में आए। वो दिल्ली रणजी टीम का भी हिस्सा हैं। दैनिक जागरण की खबरों के मुताबिक नवदीप एक आम परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उनके पिता हरियाणा में सरकारी ड्राइवर थे पर उन्होंने हमेशा नवदीप का हौसला बढ़ाया।

एक मैच के मिलते थे 200 रुपयेः नवदीप के सामने मुश्किलों का पहाड़ जरूर था लेकिन उन्होंने अपना अभ्यास जारी रखा। उनके पास स्पोर्ट्स शूज तक नहीं थे। हालांकि उन्होंने छोटे-छोटे टूर्नामेंट में हिस्सा लेने शुरू किया जहां उन्हें 200 रुपये हर मैच के लिए मिलते थे। यहां उन्होंने अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया।

अखबार में खिलाड़ियों की तस्वीर ने किया प्रभावितः नवदीप सैनी अखबार में जब गंभीर, सहवाग जैसे सरीखे खिलाड़ियों की तस्वीरें देखते थे तो बड़ा प्रभावित होते थे। वो दिल्ली रणजी मैच का अभ्यास मैच देखने के लिए पहुंचे थे, जहां उनकी किस्मत पूरी तरह से पलट गई। करनाल प्रीमियर लीग के दौरान सुमित नरवाल उनकी गेंदबाजी से काफी प्रभावित थे। ऐसे में उन्होंने गंभीर से उनकी मुलाकात करवाई। गंभीर ने उनकी गेंदबाजी देखने के बाद दिल्ली की टीम में शामिल कर लिया। बस इसके बाद नवदीप ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब देखना होगा कि वो इस दौरे पर किस तरह की गेंदबाजी करते हैं।