पिछले दो महीनों में सीमित ओवरों के क्रिकेट में तेजी से प्रगति करने वाले कुलदीप यादव की आखिरी चुनौती टेस्ट प्रारूप में लगातार लंबे स्पैल तक गेंदबाजी करना है। कानपुर के 22 वर्षीय गेंदबाज ने एक अन्य युजवेंद्र चहल के साथ मिलकर श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया में लगातार सीमित ओवरों की सीरीज में भारतीय स्पिन आक्रमण की जिम्मेदारी बखूबी निभाई है और उन्होंने अनुभवी स्पिनरों जैसे रविचंद्र अश्विन और रविंद्र जडेजा की कमी महसूस नहीं होने दी।
हालांकि, टेस्ट क्रिकेट अभी भी उनकी प्राथमिकता है, जिस प्रारूप ने उन्हें पिछले साल मार्च में धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सफल टेस्ट पर्दापण के बाद सुर्खियों में ला दिया था। यादव ने 22 अक्टूबर को न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरू होने वाली सीमित ओवरों की श्रृंखला से पहले पीटीआई से कहा, ‘‘पिछले छह महीने शानदार रहे हैं और मुझे भारत के लिए खेलने के काफी मौके मिले। जब आप शुरू हो रहे हो तो आप भारत के लिए प्रत्येक मैच खेलना चाहते हो, भले ही प्रारूप कोई भी हो। लेकिन लंबे समय में मैं अपने देश के लिए जितने ज्यादा से ज्यादा हो सके, उतने ही टेस्ट मैच खेलना चाहता हूं।’’
महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने हाल में कहा था कि वह यादव की गेंदबाजी काआकलन तभी करेंगे जब टेस्ट क्रिकेट में कुछ उपलब्धियां हासिल करेगा। यादव ने कहा, ‘‘वह खेल के महान खिलाड़ी रहे हैं और मैं जानता हूं कि वे कहां से हैं। मैं हमेशा प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लंबे समय तक गेंदबाजी करना चाहता था। किसी भी स्पिनर के लिए एक बल्लेबाज को आउट करने से अच्छा कुछ नहीं है। इस तरह की योजना केवल लंबे प्रारूप में ही संभव हो सकती है।’’
उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज लेग स्पिनर रहे शेन वार्न ने भी कुछ दिनों पहले कुलदीप की तारीफ की थी। वार्न ने ट्विटर पर लिखा था कि आखिरी बार जब मैं भारत में था तो युवा कुलदीप से मिला। जिस तरह से वह गेंदबाजी करके बल्लेबाज को कंफ्यूज करता है, यहां तक कि ऑसीज को, कमाल है। अगले ट्वीट में उन्होंने कुलदीप के लिए वो भविष्यवाणी की थी, जिसे जानकर वे बेहद खुश हुए होंगे। वार्न ने लिखा था, “अगर युवा कुलदीप सभी फॉर्मेट्स में धैर्य रखते हुए गेंदबाजी करते हैं तो वह दुनिया के बेस्ट लेग स्पिनर की जगह से यासिर को खिसका सकते हैं।”