भारत के आॅलराउंडर रवींद्र जडेजा ने टेस्ट सीरीज के बाद इंग्लैंड के साथ तीन वनडे मैचों की सीरीज में भी अपनी गेंदबाजी से भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। रवींद्र जडेजा ने भारत को जब जब विकेट की सख्त जरूरत थी, अपनी गेंदबाजी से भारत को सफलता दिलाई। उन्होंने इस सीरीज में शानदार बल्लेबाजी करने वाले इंग्लैंड के ओपनर बल्लेबाज जेसन रॉय को तीनों मैचों में पैवेलियन की राह दिखाई। सबसे खत बात यह रही कि तीनों ही मैचों में जेसन रॉय अर्धशतक बनाने के बाद पूरे लय के साथ बल्लेबाजी करते हुए दिखे, लेकिन उनके पास रवींद्र जडेजा की गेंदों का कोई तोड़ नहीं था और हर मौके पर जडेजा ने उन्हें बड़ा स्कोर करने से रोक दिया।

इस दौरान रवींद्र जडेजा ने वनडे क्रिकेट में अपने 150 विकेट भी पूरे किए। ये तो रही रवींद्र जडेजा की गेंदबाजी की बात। अब बात करते हैं टीम की जीत में उनके द्वारा किए गए दूसरे योगदान की। रवींद्र जडेजा भले ही वनडे सीरीज में बल्ले से कुछ खास नहीं कर सके, लेकिन उन्होंने अपवनी फील्डिंग से भारत के लिए बहुत रन बचाए। इसी क्रम में उन्होंने कोलकाता वनडे में शानदार क्षेत्ररक्षण का नमूना पेश करते हुए एक शर्तिया चौका रोका। इंग्लैंड के साथ तीसरे वनडे मुकाबले में बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टॉ अर्धशतक जमाकर खेल रहे थे। इंग्लैंड की पारी के 38वें ओवर में उन्होंने बैकवर्ड प्वाइंट बाउंड्री की तरफ शानदार शॉट खेला।बेयरस्टॉ को भी उम्मीद नहीं थी कि उन्हें इस शॉट पर बाउंड्री नहीं मिलेगी। लेकिन, ऐसा ही हुआ और रवींद्र जडेजा ने शर्तिया चौके को अपनी शानदार फील्डिंग की बदौलत एक रन में बदल दिया।

रवींद्र जडेजा का यह प्रयास इतना शानदार और दर्शनीय था कि दर्शकों के साथ ही, महेंद्र सिंह धोनी, कप्तान विराट कोहली और गेंदबाज हार्दिक पांड्या ने ताली बजाकर उनके इस प्रयास की सराहना की। विराट कोहली तो दौड़ते हुए रवींद्र जडेजा के पास पहुंचे और उनकी पीठ थपथपाई। गौरतलब है कि रवींद्र जडेजा विश्व क्रिकेट के बेहतरीन क्षेत्ररक्षकों में शुमार किए जाते हैं। वह इतने प्रतिभाशाली हैं कि उन्हें मैदान में किसी भी स्थान पर फील्डिंग के लिए लगाया जा सकता है और ऐसा किया भी जाता है। कभी उन्हें स्पिल में फील्डिंग करते हुए देखा जा सकता है, तो कभी आउटफील्ड में। अमूमन जडेजा 30 गज के घेरे के अंदर ही क्षेत्ररक्षण करते हैं।