पूर्व टेस्ट क्रिकेटर चंदू बोर्डे, अजित वाडेकर और दिलीप वेंगसरकर ने महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के फैसले पर हैरानी जतायी क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की श्रृंखला का अभी एक मैच बचा हुआ है। बोर्डे और वाडेकर ने हालांकि कहा कि उनका फैसला समझा जा सकता है क्योंकि टीम धोनी की कप्तानी में विदेशी सरजमीं पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थी।
पूर्व कप्तान वेंगसरकर ने कहा, ‘‘मेरे लिये यह हैरानी वाली बात है। मेरा मानना है कि वह एक या दो साल और टेस्ट क्रिकेट में खेल सकता था और वह बहुत फिट व्यक्ति है।’’
बोर्डे ने पीटीआई से कहा, ‘‘यह हैरानी पूर्ण है कि उसने संन्यास ले लिया। यह पहले भी लिया जा सकता था लेकिन लगता है कि उन्हें लगता कि अब अगले व्यक्ति के हाथों में कमान सौंपने का सही समय है। मुझे लगता है कि उन्होंने खेल के हित में संन्यास लिया।’’
वाडेकर ने कहा, ‘‘यह फैसला असाधारण है। मुझे लगता है कि उसने श्रृंखला समाप्त होने तक इंतजार करना चाहिए था। वह पहले टेस्ट मैच में भी नहीं खेला था। लेकिन विदेशों में कप्तान के रूप में उसका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था।’’
वेंगसरकर का मानना है कि एडिलेड में पहले टेस्ट मैच में कप्तानी करने वाले विराट कोहली समय के साथ शांत रहना सीख जाएंगे जबकि दो अन्य पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि दिल्ली के इस क्रिकेटर को अपने व्यवहार को बदलना चाहिए। वेंगसरकर ने कहा, ‘‘कोहली युवा है और मेरी नजर में वह अभी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज है। समय के साथ वह शांत रहना सीख जाएगा।’’
बोर्ड ने कहा, ‘‘कोहली युवा है और उसे थोड़ा शांत बने रहने की जरूरत है। इससे उसे एकाग्र बने रहने में मदद मिले। उम्मीद है कि वह खुद पर नियंत्रण रखेगा। मैं उसे शुभकामना देता हूं।’’
वाडेकर ने कहा, ‘‘उसे आपा नहीं खोना चाहिए। उसे चुनौती स्वीकार करनी चाहिए लेकिन उसके व्यवहार का खामियाजा अन्य साथियों को नहीं भुगतना चाहिए।’’