भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि उनकी टीम पहले वनडे में बांग्लादेश के हाथों 79 रन से हार से आहत है लेकिन उन्होंने धीमे विकेट से उछाल हासिल करने और वैरिएशंस के लिये बांग्लादेशी तेज गेंदबाजों की तारीफ की।
बांग्लादेश ने भारत के खिलाफ अपना सर्वोच्च वनडे स्कोर बनाया और टीम 49.4 ओवर में 307 रन पर आउट हुई। इसके बाद भारत को चार ओवर बाकी रहते 228 रन पर समेट दिया।
यह पूछने पर कि क्या इस हार से सितारों से सजी भारतीय टीम का मनोबल गिरा है, धोनी ने कहा,‘‘इससे दुख हुआ है लेकिन अतीत में आपका प्रदर्शन इसमें मायने नहीं रखता। मैच के दिन जो टीम अच्छा खेली है, वही जीतती है और बांग्लादेश हमसे बेहतर खेला।’’
मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में धोनी ने कहा,‘‘उन्होंने बेहतरीन वैरिएशंस का इस्तेमाल किया। उन्होंने 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी नहीं की और एक गेंद की रफ्तार को 115 थी। उन्होंने रफ्तार का अच्छा तालमेल बनाया और उनके पास ऐसे अधिक गेंदबाज थे जिन्होंने पिच से उछाल हासिल की।’’
धोनी ने कहा,‘‘कई बार धीमे विकेटों पर उछाल को खेल पाना मुश्किल होता है क्योंकि गेंद आपके शरीर पर आती है।’’ उन्होंने कहा,‘‘उन्होंने वैरिएशंस का बखूबी इस्तेमाल किया। इसके बाद भी उन्हें पता था कि उन्हें किस लैंग्थ से गेंदबाजी करनी है और यही दोनों टीमों की तेज गेंदबाजी में फर्क था।’’
रोहित शर्मा (63) और शिखर धवन (30) ने पहले विकेट के लिये 95 रन की साझेदारी की लेकिन इसके बाद 20 रन के भीतर चार विकेट गंवा दिये। धोनी ने कहा,‘‘लक्ष्य का पीछा करते हुए साझेदारियां अहम होती है। साझेदारी जितनी बड़ी होगी, उतना ही मध्यक्रम और निचले क्रम के लिये आसान हो जायेगा।’’
उन्होंने कहा,‘‘हम बीच के ओवरों में विकेट गंवाते रहे और बड़ी साझेदारियां नहीं बन सकी। बड़े स्कोर का पीछा करते हुए बड़ी साझेदारियां जरूरी होती है खासकर जब विकेट धीमा हो।’’