भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने मंगलवार (28 अक्टूबर) को रणजी ट्रॉफी के दूसरे राउंड के मैच में बंगाल के लिए शानदार प्रदर्शन करने के बाद राष्ट्रीय टीम में न चुने जाने को लेकर चल रहे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। कोलकाता के ईडेन गार्डन में गुजरात के खिलाफ दूसरी पारी में पांच विकेट लेकर बंगाल को जीत दिलाने वाले शमी से चयन विवाद और चयनकर्ताओं के चेयरमैन अजीत अगरकर को दिए गए उनके जवाब के बारे में पूछा गया, जिन्होंने हाल ही में इस अनुभवी तेज गेंदबाज से ज्यादा मैच खेलकर अपनी मैच फिटनेस साबित करने की अपील की थी।
38 रन देकर 5 विकेट लेकर बंगाल को 141 रन से जीत दिलाने के बाद शमी ने रिपोर्टर्स से कहा, “हां, मुझे पता था कि यह सवाल आएगा। मैं वैसे भी हमेशा विवाद में रहता हूं। आप लोगों ने मुझे पहले ही विलेन बना दिया है! मैं और क्या कर सकता हूं या कह सकता हूं? आज की दुनिया में, सोशल मीडिया हर चीज को तोड़-मरोड़ देता है। मेरा काम अच्छा परफॉर्म करना है। मुझे जहां भी मौका मिलेगा, मैं अपना बेस्ट दूंगा। बाकी सब भगवान पर है। बंगाल मेरा घर है। बंगाल के लिए खेला गया हर मैच मेरे लिए एक याद जैसा है।”
मुझमें अभी भी बहुत क्रिकेट बाकी है
मोहम्मद शमी ने “एक मुश्किल दौर से निकलकर अच्छा परफॉर्म करने से बहुत खुशी मिलती है। वर्ल्ड कप के बाद का समय मुश्किल और दर्दनाक था। लेकिन फिर मैंने रणजी ट्रॉफी, व्हाइट-बॉल क्रिकेट, आईपीएल और दलीप ट्रॉफी खेली। अब मेरी लय पहले जैसी हो गई है। मैं साफ महसूस कर सकता हूं कि मुझमें अभी भी बहुत क्रिकेट बाकी है।” शमी अहमदाबाद में 2023 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल के बाद से एक साल से ज्यादा समय तक बाहर रहे। फिर चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम में वापसी की। भारत के लिए उनका आखिरी मैच 9 मार्च, 2025 को दुबई में न्यूजीलैंड के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में था।
100 प्रतिशत मैच-फिट
इंडियन एक्सप्रेस से मंगलवार को बात करते हुए शमी के बचपन के कोच मोहम्मद बदरुद्दीन ने भी कहा कि स्टार सीमर ने अपनी लय वापस पा ली है। उन्होंने कहा “उसकी लय वापस आ गई है और ऐसा तब होता है जब वह 100 प्रतिशत मैच-फिट होते हैं। शमी के लिए लय ही मायने रखता है। एक बार जब उन्हें अपनी लय मिल जाती है तो वह एक अलग बॉलर बन जाते हैं। आज मैंने जो देखा वह पुराने शमी जैसा था। मुझे कुछ भी कमी नहीं लगी। उनकी सीम पोजिशन अच्छी थी और वह बॉलिंग का मजा ले रहे थे। सीम ऐसी चल रही थी कि बैट्समैन को पता नहीं चल रहा था कि किधर गेंद जाएगी।”
