भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी चैंपियंस ट्रॉफी के बीच एनर्जी ड्रिंक पीने को लेकर चर्चा में आए थे। मौलाना रजवी ने शमी की आलोचना की थी। हालांकि इस खिलाड़ी को देश के कई नेताओं, उनके परिवार और कई अन्य मौलानाओं का समर्थन मिला था। शमी से अलग हो चुकी पत्नी हसीन जहां ने मौलाना का समर्थन किया। उन्होंने बड़ा दावा किया है कि जब तक वह शमी के साथ थीं, शमी ने कभी रोजा नहीं रखा है।

गरीबी के कारण रोजा रखते थे शमी

हसीन जहां से शमी को लेकर मौलाना के लिए दिए गए बयान पर सवाल किया गया। दैनिक भास्कर ने हसीन जहां के हवाले से लिखा, ‘हमारे इस्लाम में बताया गया है कि रमजान में रोजा रखना फर्ज है। अगर रोजा नहीं रखोगे तो तुम गुनहगार हो। हालांकि अगर तबीयत खराब है, डॉक्टर ने मना किया है तो वहां पर माफी है। लेकिन शमी के परिवार की स्थिति अच्छी नहीं रही है। वह रोजा इसलिए रखकर बड़े हुए कि उन्हें एक टाइम का खाना तो मिल जाएगा लेकिन दूसरे वक्त का खाना नहीं मिलेगा। इससे अच्छा रोजा रख लेते हैं।

शमी ने नहीं रखते थे रोजा

हसीन जहां ने दावा किया कि शमी ने रोजा नहीं रखा। उन्होंने कहा, ‘जब से मैं शमी को जानती हूं, तब से लेकर शादी के बाद तक मैंने कभी उसे रोजा रखते नहीं देखा। नमाज जरूर पढ़ी, लेकिन दूसरों का हक मारने में हमेशा आगे रहता है। इसने मेरा और मेरी बेटी का हक मारा। एनर्जी ड्रिंक पीने पर इसको किसी अगर मौलाना ने कुछ बोला तो सही किया।’ हसीन जहां और शमी ने यह अब तक साफ नहीं किया है कि उनका तलाक हो चुका है या नहीं।

हसीन जहां की बेटी बेबो के होली खेलने को लेकर भी रजवी ने बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता है। इसके जवाब में हसीन जहां ने कहा कि इस्लाम मर्द को भी होली खेलने की इजाजत नहीं देता है लेकिन पूर्व भारतीय क्रिकेटर इरफान पठान ने फिर भी होली खेली। हसीन जहां ने कहा, ‘इजाजत तो पुरुषों को भी नहीं है। इजाजत तो इरफान पठान को भी नहीं है। इन लोगों को कोई कुछ क्यों नहीं बोलता है। उन्होंने भी तो होली खेली। इस्लमान में वकीलों के झूठ बोलने पर भी पांबदी है तो वह क्यों झूठ बोलते हैं।’