भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद कैफ और पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह आपस में अच्छे दोस्त हैं। कैफ ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन दोनों की दोस्ती ट्रेन में हुई थी। हालांकि, यह अलग बात है कि प्रोफेशनल मामलों में कैफ युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह की बातों से इत्तेफाक नहीं रखते।

योगराज सिंह बेटे के करियर जल्दी खत्म होने के लिए महेंद्र सिंह धोनी को जिम्मेदार मानते हैं। हाल ही में उन्होंने धोनी के अलावा विराट कोहली और पूर्व चयनकर्ता शरनदीप सिंह पर भी युवी की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि तीनों ने उनके बेटे को धोखा दिया।

इस आरोप पर कैफ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। हैलो एप पर दिए इंटरव्यू में कैफ ने कहा कि योगराज के आरोप सत्य नहीं हैं। हालांकि, पूर्व क्रिकेटर ने यह भी स्वीकार किया कि युवराज को और ज्यादा मौके मिलने चाहिए थे।

कैफ ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि युवी के पिता का आरोप सही है। लेकिन हां, युवी छोटे फॉर्मेट क्रिकेट में चैंपियन हैं। उन्हें और मौके मिलने चाहिए थे। लेकिन भारत में, अगर कोई खिलाड़ी कुछ मैचों के लिए अपना फॉर्म खो देता है, तो टीम में अपनी जगह बचाए रखना आसान नहीं होता है, क्योंकि कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी टीम इंडिया में प्रवेश करने को लाइन लगाए हुए हैं।’

कैफ और युवराज ने भारतीय क्रिकेट टीम में एक साथ कई शानदार साल बिताए हैं। दोनों ने मिलकर कई मैचों में भारत को जीत दिलाई है। इसमें 2002 में इंग्लैंड में हुई नेटवेस्ट सीरीज का फाइनल भी शामिल है।

हालांकि, युवराज ने जिस तरह से चाहा था चीजें उस तरह खत्म नहीं हुईं। उनके करियर में 2007 टी20 विश्व कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप चैंपियन बनने समेत कई शानदार मौके आए। दोनों बार उनके कप्तान धोनी ही थे। युवराज सिंह भी कई बार कह चुके हैं कि उन्हें धोनी से वैसा सपोर्ट नहीं मिला, जैसा सौरव गांगुली से मिलता था।

कैफ ने कहा, ‘धोनी सफल सफेद गेंद वाले सबसे सफल क्रिकेट कप्तान हैं। उन्हें अपनी टीम चुनने का हक है। आप उन पर तब सवाल उठा सकते हैं, जब वे अच्छे नतीजे देने में असफल रहते। लेकिन उनका रिकॉर्ड शानदार हैं। उन्होंने भारत के लिए कई ट्राफियां जीतीं। ऐसे में चयनकर्ता उन्हें टीम चुनने में छूट देंगे और उनके सुझावों को महत्व देंगे। यह पक्षपात नहीं कहा जाएगा।’