प्रतिभावान बल्लेबाज मनीष पांडे ने मंगलवार को कहा कि वह भारत के लिए खेलने को बेताब थे और जब 2009 में आईपीएल के दूसरे सत्र में शतक जड़कर सुर्खियां बटोरने के बाद भी उन्हें टीम में जगह नहीं मिली तो वह निराश थे। पांडे ने आईपीएल के दूसरे सत्र के दौरान सुर्खियां बटोरी जब वह आईपीएल में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने लेकिन इसके छह साल बाद 2015 में जिंबाब्वे में उन्हें भारत के लिए टी-20 अंतरराष्ट्रीय में पदार्पण करने का मौका मिला। उन्होंने कहा, ‘‘2009 में पहला शतक जड़ना अच्छी शुरुआत थी। मुझे 2014 के बाद घरेलू सर्किट में खेली अच्छी पारियां ही याद हैं। मैंने जिंबाब्वे में 2015 में भारत के लिए पदार्पण किया।’’

पांडे ने कहा, “2009-2010 के बाद मैं सोच रहा था कि मैं भारत के लिए खेलूंगा। आईपीएल के बाद मेरे लिए प्रथम श्रेणी सत्र भी अच्छा रहा। मैं भारत के लिए खेलने को बेताब था। जब ऐसा नहीं होता तो कभी-कभी आप निराश हो जाते हो लेकिन मुझे लगता है कि मैंने सीखा है कि यह जीवन का हिस्सा है।”

दूसरी तरफ, आॅस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज पैट कमिंस बार-बार उभरने वाली पीठ की चोट के कारण आईपीएल से बाहर हो गए और टी-20 लीग में चोटिल खिलाड़ियों की लंबी होती सूची में शामिल हो गए। मुंबई इंडियन्स ने कमिंस को 5.4 करोड़ रुपए में खरीदा था। घायल होने के कारण आईपीएल में ना खेलने वाले खिलाड़ियों की सूची में वह आॅस्ट्रेलियाई टीम के अपने साथी माइकल स्टार्क के साथ शामिल हो गए।

चोटिल खिलाड़ियों कागिसो रबाडा, नाथन कूल्टर-नाइल और केदार जाधव शामिल हैं। चेन्नई सुपर किंग्स के मुंबई इंडियन्स के साथ आईपीएल के पहले मैच के दौरान जाधव के घुटने की मांसपेशियों में चोट लग गई थी। कमिंस पूर्व में भी पीठ की चोट से परेशान रहे हैं और अपने अंतरराष्ट्रीय सत्र के दौरान उन्होंने आॅस्ट्रेलिया के लिए लगातार 13 टेस्ट मैच खेले। आॅस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच हाल में खेली गई टेस्ट श्रृंखला के चौथे मैच में वह चोटिल हो गए थे।