क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर कपिल देव की अगुआई में टीम इंडिया ने पहली बार टेस्ट मैच जीता था। 10 जून 1986 के दिन इंग्लैंड को टीम इंडिया ने 5 विकेट से हरा दिया था। इसमें पूर्व दिग्गज क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर ने अहम योगदान निभाया था। उन्होंने पहली में शतक जड़कर इतिहास रच दिया था। वह इस मैच मैदान पर लगातार तीन टेस्ट में शतक जमाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए थे। इससे पहले उन्होंने 1979 में 103 और 1982 में 157 रन बनाए थे।
कर्नल के मशहूर दिलीप वेंगसरकर के इस शतक में पूर्व स्पिन गेंदबाज मनिंदर सिंह का योगदान काफी बड़ा था। दरअसल मनिंदर इस मैच में आखिरी बल्लेबाज के तौर पर क्रीज पर आए थे और दिलीप 85 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे। किरन मोरे आउट होकर पवेलियन लौटे थे। टीम इंडिया का स्कोर 9 विकेट पर 303 रन था। टीम के पास 9 रनों की बढ़त थी। जिम्बाब्वे के खिलाफ तीसरे वनडे से पहले मनिंदर सिंह इस शतक से जुड़ा दिलचस्प किस्सा शेयर किया।
मैच शुरू होने से ठीक पहले सोनी सिक्स पर प्री मैच शो पर मोहम्मद कैफ ने मनिंदर सिंह की तारीफ की। उन्होंने कहा कि बैंग्लोर का एक मैच उन्हें अभी याद, जिसमें इन्होंने सिम से बॉलिंग की और बल्लेबाज ने कट करने का प्रयास किया, लेकिन बोल्ड हो गया। इसके बाद एंकर ने लॉर्ड्स के उस मैच की चर्चा की, जिसमें दिलीप वेंगसरकर ने ऐतिहासिक शतक लगाया था।
मनिंदर ने बताया कि जब वह बल्लेबाजी करने आए तो वेंगसरकर ने उनसे कहा, “बस तुम आउट मत होना।” एंकर ने कहा कि उन्होंने आप पर दबाव डाल दिया। इसके बाद मनिंदर ने कहा, ” वेंगसरकर ने दबाव डाला भी और फिर यह कहकर इसे रिलीज कर दिया कि तुम जैसे बैटिंग करते हो ये तुम्हें आउट नहीं कर पाएंगे।”
इसके बाद वेंगसरकर और मनिंदर सिंह के बीच 38 रनों की साझेदारी हुई। मनिंदर ने 59 गेंदों का सामना किया और 6 रन बनाकर आउट हुए। वहीं वेंगसरकर 126 रन बनाकर नाबाद रहे। टीम इंडिया को पहली पारी में महत्वपूर्ण 47 रनों की बढ़त मिली। टीम इंडिया ने दूसरी पारी में 134 रनों के लक्ष्य को 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया। कपिल देव को दोनों पारी मिलाकर 5 विकेट लेने और दूसरी पारी 10 गेंदों पर 23 रन जड़ने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच दिया गया था।