भारत के निशानेबाज मैराज अहमद खान ने ब्राजील के रियो डी जेनेरो शहर में चल रहे आईएसएसएफ निशानेबाजी वर्ल्ड कप की स्कीट प्रतिस्पर्धा में रजत पदक हासिल कर लिया है जो भारत के लिए इस टूर्नामेंट के स्कीट मुकाबले में पहला पदक है।

40 वर्षीय मैराज पुरुषों के स्कीट स्वर्ण पदक मुकाबले में स्वीडन के मार्कस स्वेनसन से शूटऑफ टाईब्रेकर में 2-1 से हार गए। मैराज ने अंतिम चरण के क्वालिफायर राउंड में 125 में से 122 शॉट लगाकर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। वह छह निशानेबाजों में दूसरे स्थान पर रहे थे।

प्रतियोगिता के फाइनल चरण में मैराज और मार्कस दोनों ने ही 16 में से 15 क्ले लक्ष्यों को निशाना बनाकर स्वर्ण पदक के मुकाबले के लिए अधिकार हासिल कर लिया जहां मार्कस ने बाजी मार ली। इटली के टमारो कसान्द्रो तीसरे स्थान पर रहे और उन्होंने कांस्य हासिल किया।
इस परिणाम से खुश भारतीय राष्ट्रीय राइफल महासंघ (एनआरएआई) के अध्यक्ष रिनदर सिंह ने कहा मैं मैराज की लगन और दृढ़ता को सलाम करता हूं। यह केवल निशानेबाजों ही नहीं बल्कि देश के सभी युवा एथलीटों के लिए एक उदाहरण है। एक अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी को सफलता हासिल करने के लिए सही दिशानिर्देश के साथ फोकस भी स्पष्ट बनाए रखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मैं इस अवसर पर स्कीट कोच एनियो फाल्को का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिन्होंने हमारी कमजोरी को ही ताकत में बदल दिया। मैराज को आगामी रियो ओलंपिक के लिए मेरी तरफ से हार्दिक बधाई और मुझे विश्वास है कि ओलंपिक में निशानेबाजी टीम का प्रदर्शन काफी बेहतर रहेगा।

उत्तर प्रदेश के खुर्जा निवासी मैराज पिछले 13 वर्ष से निशानेबाजी प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने 26 प्रयासों के बाद पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल राउंड तक पहुंचने में सफलता हासिल की है। इतना ही नहीं उन्होंने भारत के लिए स्कीट में वर्ल्ड कप का पहला पदक हासिल किया। पिछले वर्ष वह स्कीट निशानेबाजी में ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले पहले भारतीय भी बने थे।

अगस्त में रियो ओलंपिक खेलों में वह निश्चित तौर पर बेहतर प्रदर्शन के इरादों के साथ ही लौटेंगे। हालांकि प्रतिस्पर्धा में उनके सामने अमेरिका के दो बार के ओलंपिक चैंपियन विन्सेंट हैन्काक जैसे निशानेबाजों की चुनौती भी होगी जिन्हें वर्ल्ड का सर्वश्रेष्ठ स्कीट निशानेबाज समझा जाता है।

वहीं प्रतियोगिता के अंतिम दिन मैराज के अलावा गुरप्रीत सिंह पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल प्रतिस्पर्धा में 289 का शॉट लगाकर 14वें स्थान पर रहे। गगन नारंग, चैन सिंह और संजीव राजपूत पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा के फाइनल में स्थान बनाने में नाकाम रहे।

निशानेबाजी वर्ल्ड कप के कुल 15 स्पर्धाओं के लिए भाग ले रहे 88 देशों में से 23 देश ही पदक जीतने में कामयाब रहे जिसमें भारत 14वें स्थान पर रहा।