आईसीसी विश्वकप 2019 के फाइनल में जीत हासिल कर इंग्लैंड ने पहली बार विश्वविजेता का खिताब अपने नाम किया है। क्रिकेट के सबसे बड़े मुकाबले वर्ल्ड कप का एक अलग ही एहसास होता है। हर टीम और खिलाड़ी अपना बेस्ट देने की कोशिश करता है। 4 साल में एक बार आने वाले इस महामुकाबले को जीतना हर किसी का सपना होता है। वैसे तो ये महासमर कई छोटी-बड़ी घटनाएं अपने भीतर समेटे हुए है लेकिन भारत के पूर्व क्रिकेटर और दिग्गज खिलाड़ी रहे मदन लाल के लिए विश्वकप किसी यादगार लम्हे से कम नहीं है। क्योंकि वो पहले खिलाड़ी थे जिन्होंने विश्वकप की पहली गेंद फेकी थी।
जी हां, क्रिकेट विश्वकप का आगाज 1975 में हुआ था। इस मैच में मदन लाल ने पहली गेंद इंग्लैंड के जॉन जेमसन को फेकी थी। हालांकि मदन लाल के विश्वकप करियर में उनका जिक्र उस लम्हे के लिए ज्यादा होता है जब उन्होंने 1983 के विश्वकप फाइनल में विवियन रिचर्ड को आउट किया था और कपिल देव ने शानदार कैच लपककर मैच पलट दिया था। भारत इसके चलते पहली बार विश्वविजेता बना था।
संघर्ष ने निखारी किस्मतः मदन लाल का बचपन चुनौतियों से भरा रहा, द हिंदु की खबरों की मानें तो मदन लाल 1972 में अमृतसर से दिल्ली आए तब उनकी जेब में केवल एक ट्रेन का टिकट था। उसके बाद उन्होंने कई सालों तक संघर्ष किया। कभी दीवारों पर पेंट का काम किया तो कभी छोटी कंपनी में नौकरी लेकिन उन्होंने कभी अपने सपने से समझौता नहीं किया। आज मदन लाल अपनी क्रिकेट अकादमी के जरिए युवा प्रतिभा को निखारने का काम करते हैं। वो युवाओं को क्रिकेट की बारीकियों से अवगत कराते हैं लेकिन हमेशा एक सलाह देते हैं कि अगर अपनी पहचान बनानी है तो खेल के साथ-साथ धैर्य और मेहनत पर ध्यान दो।