अर्जेंटीना फुटबॉल टीम के कप्तान लियोनल मेसी पर एक मैच का प्रतिबंध लगाया गया है। उन पर 1500 डॉलर (करीब एक लाख रुपए) पर जुर्माना भी लगा है। मेसी ने साउथ अमेरिकन फुटबॉल एसोसिएशन (कोनमेबॉल) पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। साउथ अमेरिकन फुटबॉल चैंपियनशिप यानी कोपा अमेरिका में तीसरे स्थान के लिए हुए अर्जेंटीना और चिली के बीच मैच हुआ था। मैच के दौरान मेसी को रेड कार्ड दिखाया गया। वे खेल के 37वें मिनट में चिली के गैरी मेडल से टकरा गए थे। रेफरी ने दोनों को मैच से बाहर कर दिया था। अर्जेंटीना ने वह मैच 2-1 से जीता था।

मैच के बाद उन्होंने साउथ अमेरिकन फुटबॉल प्रमुखों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। मेसी ने टूर्नामेंट फिक्स और मेजबान ब्राजील के पक्ष में होने की बात कही थी। ब्राजील ने सेमीफाइनल में अर्जेंटीना को हराया था। वे मैच के बाद पुरस्कार समारोह में पदक लेने के लिए भी नहीं गए थे। वैसे मेसी ने बाद में कोनमेबॉल से माफी मांग ली थी। कोनमेबॉल ने मंगलवार को कहा कि मेसी का बयान अस्वीकार्य है। हालांकि, फैसले में मेसी के कोपा अमेरिका संगठन पर लगाए गए आरोपों का जिक्र नहीं किया गया है। इसके बावजूद मेसी पर कड़ा प्रतिबंध नहीं लगाया गया।

इस प्रतिबंध के कारण मेसी 2022 वर्ल्ड कप के लिए होने वाले क्वालिफायर मैच में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। दक्षिण अमेरिका में विश्व कप क्वॉलिफाइंग मैच मार्च से शुरू होने हैं। मेसी ने जून 2016 में कोपा अमेरिका के फाइनल में चिली के खिलाफ पेनल्टी शूटआउट में 2-4 से मिली हार के बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास ले लिया था। इसके बाद फैन्स ने सोशल मीडिया पर उनसे यह फैसला वापस लेने की अपील की थी।

अर्जेंटीना के तत्कालीन राष्ट्रपति मॉरिशियो माकरी ने भी उनसे संन्यास का फैसला बदलने और देश के लिए विश्व कप जीतने की अपील की थी। मेसी ने राष्ट्रपति और फैन्स के आग्रह को सम्मान देते हुए 12 अगस्त 2016 को संन्यास वापस लेने की घोषणा की थी। 2008 बीजिंग ओलंपिक में फुटबॉल का गोल्ड मेडल अर्जेंटीना ने जीता था। अर्जेंटीना की इस जीत में मेसी की अहम भूमिका थी।