प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व आइपीएल प्रमुख ललित मोदी को नया झटका देते हुए टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट के विभिन्न सत्रों के आयोजन में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित धन शोधन के एक मामले में उनकी जांच के चलते ललित के खिलाफ इंटरपोल नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है ।
अधिकारियों ने कहा कि एजंसी के मुंबई कार्यालय ने मुंबई की एक विशेष अदालत के हाल में जारी गैरजमानती वारंट के आधार पर ललित मोदी के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस के लिए आधिकारिक रूप से कदम बढ़ाए। एजंसी ने वैश्विक नोटिस की मांग की क्योंकि मोदी के खिलाफ धन शोधन रोकथाम कानून के तहत जारी किए गए नोटिस को लेकर घरेलू कानूनी उपाय सफल नहीं हुए। ईडी का आरोप है कि ललित ने अब तक इस जांच में सहयोग नहीं किया है।
सूत्रों ने कहा कि ईडी मुख्यालय ने सीबीआइ की इंटरपोल शाखा से नोटिस जारी कराने के लिए बाद में कानूनी आग्रह यहां सीबीआइ मुख्यालय को भेजा। सीबीआइ प्रवक्ता ने कहा कि ईडी से मंगलवार दोपहर आग्रह प्राप्त हुआ और सत्यापन के बाद इसे आगे बढ़ाया जाएगा।
भारत में इंटरपोल संबंधी मामलों के लिए सीबीआइ नोडल एजंसी है। ललित फिलहाल ब्रिटेन में हैं। रेड कार्नर नोटिस किसी आपराधिक मामले की जांच में प्रत्यर्पण या इसी तरह की अन्य कानूनी कार्रवाई के मकसद से वांछित व्यक्तियों का पता लगाने और उनकी गिरफ्तारी के लिए जारी किया जाता है। नोटिस जारी होने के बाद, इंटरपोल दुनिया के किसी भी भाग में संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तार करने का प्रयास करता है और अधिसूचित करता है कि देश आगे की कार्रवाई के लिए उसे हिरासत में ले।
ललित मोदी के समन का जवाब नहीं देने पर, ईडी ने पिछले महीने मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत में याचिका दायर करके उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने का अनुरोध किया था। एजंसी गृह मंत्रालय के जरिए विदेश मंत्रालय को इस संबंध में एक आग्रह भेजकर ललित के प्रत्यर्पण के प्रयास पर विचार कर रही है।
एजंसी पूर्व बीसीसीआइ प्रमुख एन श्रीनिवासन द्वारा ललित मोदी व करीब आधा दर्जन लोगों के खिलाफ चेन्नई पुलिस को दी गई धोखाधड़ी की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए वर्ष 2012 में दर्ज आपराधिक प्राथमिकी के तहत धन शोधन निरोधक कानूनों के अंतर्गत ललित, आइपीएल और इसके कार्यकारी अधिकारियों के खिलाफ जांच कर रही है।