भारतीय शटलर पीवी सिंधु को 2020 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक से पहला तगड़ा झटका लगा है। भारत की महिला एकल बैडमिंटन कोच दक्षिण कोरिया की किम जी ह्यून ने न्यूजीलैंड में बीमार पति की देखभाल के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।टोक्यो ओलंपिक अगले साल 24 जुलाई से 9 अगस्त तक होने हैं।

खेलों के इस महाकुंभ में भारतीय शटलर से काफी उम्मीदें हैं। ऐसे में किम जी ह्यून का भारतीय बैडमिंटन टीम खासकर पीवी सिंधु से जुदा होना निश्चित तौर पर निराश करने वाला है। सिंधू ने पिछले महीने उनके मार्गदर्शन में ही स्विट्जरलैंड के बासेल में विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। जीत के बाद सिंधु ने कहा था कि उनके वर्ल्ड चैंपियन बनने में किम जी ह्यून की बड़ी अहम भूमिका है।

भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) ने इसी साल किम को अनुबंधित किया था। बुसान की रहने वाली 45 साल की किम को हालांकि अपने पति रिची मेर के पास न्यूजीलैंड जाना पड़ा जिन्हें लगभग 15 दिन पहले ‘न्यूरो स्ट्रोक’ पड़ा था। भारत के मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने बताया, ‘यह सच है, किम ने इस्तीफा दे दिया है। उनके पति काफी बीमार हैं। विश्व चैंपियनशिप के दौरान उन्हें न्यूरो स्ट्रोक का सामना करना पड़ा, इसलिए वे वापस लौट गईं हैं। उन्हें पति की देखभाल करनी होगी क्योंकि इससे उबरने में चार से छह महीने का समय लगेगा।’

किम ने सिंधु के साथ अच्छी जोड़ी बनाई थी। भारतीय शटलर भी अपनी सफलता में कोरियाई कोच की भूमिका को स्वीकार कर चुकी हैं। किम भारत की तीसरी विदेशी कोच हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले इंडोनेशिया के जाने माने कोच मुल्यो हेंडोयो ने भी 2017 में निजी कारणों से भारतीय राष्ट्रीय बैडमिंटन टीम का साथ छोड़ दिया था। वे बाद में सिंगापुर की टीम से जुड़ गए थे। हेंडोयो ने विश्व स्तर पर भारत के पुरुष एकल खिलाड़ियों की सफलता में अहम भूमिका निभाई थी।

इस साल की शुरुआत में मलेशिया के टेन किम हर ने भी भारतीय युगल कोच के अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल टोक्यो ओलंपिक तक था। बीएआई को अब जल्द ही किम का विकल्प ढूंढना होगा, क्योंकि ओलंपिक क्वालिफिकेशन की प्रक्रिया चल रही है। टोक्यो ओलंपिक खेल होने में अब सिर्फ 10 महीने का समय बचा है। गोपीचंद ने कहा, ‘हम उनके स्थान पर किसी और को लाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह कामचलाऊ इंतजाम होगा। हमें स्थायी हल ढूंढना होगा।’