सुनील छेत्री आज देश के सबसे महंगे फुटबॉलर हैं। मगर बचपन में वह चंद पैसों की खातिर चोरी करते थे। धोखा देते थे और झूठ बोलते थे। भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान ने ये खुलासे अपने फुटबॉल क्लब बेंगलुरू एफसी से किए थे। उन्होंने कबूला था कि बचपन में उन्होंने घर पर मां के रखे हुए 50 रुपए चुराए थे। आपको बता दें कि इंटरकॉन्टिनेंटल कप 2018 में छेत्री भारतीय फुटबॉल टीम की कमान संभाल रहे हैं। आज (सोमवार) केन्या टीम के साथ उनकी टीम मुंबई में भिड़ेगी। यह उनका 100वां अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला होगा।
बेंगलुरू एफसी से हुई बातचीत में उन्होंने चोरी से जुड़ा पूरा किस्सा बताया था। बचपन की यादों को ताजा करते हुए उन्होंने बताया था कि कैसे उन्होंने बचपन के दिनों में एक बार घर पर चोरी की थी। वह पैसे चुराने को इसलिए मजबूर हुए थे, क्योंकि उन्हें तब 50 रुपए की सख्त जरूरत थी। मां से मांगने पर उन्होंने रुपए देने से मना कर दिया था।
भारतीय कप्तान के मुताबिक, “पिता साइकिल से मुझे बस स्टॉप छोड़ने जाते थे। उतने ही पैसे देते, जितने की टिकट होती। और मगर मैं कई बार वह पैसे रख लेता और टिकट न लेता था। मैं पैसे चुराता था। मैंने मां से कहा था कि मुझे 50 रुपए चाहिए। उन्होंने मना कर दिया। मैं उसके बाद इतना निराश हुआ कि मैंने घर से 50 रुपए चुरा लिए थे। हालांकि, उन्हें बाद में यह बात पता लग गई थी।”
बकौल छेत्री, “मां ने तब मुझे कुर्सी से बांध दिया था और दो घंटों तक मेरी पिटाई की थी।” भारतीय कप्तान इस घटनाक्रम को अपनी जिंदगी बदलने में काफी अहम मानते हैं। उन्होंने बताया था, “दो घंटे बाद मां अपने कमरे में गईं और रोने लगीं। मैं तब बहुत डर गया था। उन्होंने मुझे बुलाया और माफी मांगी। बोलीं कि हम तुम्हारी जरूरतें पूरी नहीं कर सकते, इसलिए हम अपने बेटे को चोर बना रहे हैं। इसी चीज ने मुझे झकझोर दिया था। मुझे समझ आ चुका था कि मैं अब और शरारती, बेवकूफ और बचकाना रवैया नहीं अपना सकता।”