ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय टेनिस फिक्सिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया है। उसने इस संबंध में भारतीय मूल के दो लोगों राजेश कुमार और हरसिमरत सिंह को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इस फिक्सिंग रैकेट ने 2018 में ब्राजील और मिस्र में हुए कम से कम दो टेनिस टूर्नामेंट में मैच फिक्सिंग की है।
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस का दावा है कि टेनिस फिक्सिंग रैकेट का सरगना भारत में है। रैकेट के गुर्गों ने यूरोप और दक्षिण अमेरिका में कम रैंक वाले खिलाड़ियों को मैच हराने के लिए राजी किया। राजेश कुमार और हरसिमरत सिंह को इस सप्ताह मेलबर्न की मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया था। दोनों पर 320,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 2.41 करोड़ रुपए) की सट्टेबाजी का आरोप है।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की भ्रष्टाचार रोधी इकाई के शीर्ष पदाधिकारी ने बताया है कि ऑस्ट्रेलियाई पुलिस अंतरराष्ट्रीय टेनिस फिक्सिंग रैकेट के सरगना के रूप में जिस भारतीय की पहचान की है वह चंडीगढ़ के पास मोहाली का रहने वाला है। वह भारतीय क्रिकेट बोर्ड के भी रडार पर है। ऑस्ट्रेलियाई अखबार सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने बताया था कि विक्टोरिया पुलिस ने फिक्सिंग मामले में रविंद्र दांडीवाल की सरगना के तौर पर पहचान की है।
बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) के प्रमुख अजीत सिंह ने पुष्टि की कि दांडीवाल ही ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ है। वह मूल रूप से चंडीगढ़ के पास मोहाली का रहने वाला है। उसका मिडिल ईस्ट और अन्य स्थानों पर अक्सर आना जाना रहता है। उसका नाम क्रिकेट लीग आयोजित करने वालों में भी शामिल है। एक बार उसने हरियाणा में एक निजी क्रिकेट लीग भी आयोजित की थी, जिसे एसीयू ने विफल कर दिया था। बीसीसीआई के सभी पंजीकृत खिलाड़ियों को उस लीग में हिस्सा नहीं लेने की सलाह दी गई थी।
एसीयू के एक अन्य पदाधिकारी ने बताया, ऑस्ट्रेलिया में फिक्सिंग रैकेट के सरगना के रूप में जिस डांडीवाल की तस्वीरें दिखाईं गईं हैं, वह हर सीजन में बीसीसीआई के रडार पर रहता है। राष्ट्रीय और घरेलू खिलाड़ियों को उससे किसी भी प्रकार से संबंध नहीं रखने को कहा जाता है। सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने बताया कि विक्टोरिया पुलिस ने दांडीवाल पर अब तक कोई आरोप नहीं लगाए हैं।
अभी कुछ दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने दावा किया था कि भारत में कड़ा कानून नहीं होने से ‘पुलिस के हाथ भी बंधे हुए’ हैं। मैच फिक्सिंग को अपराध घोषित करना ही उस देश में ‘सबसे प्रभावी कदम’ होगा।