भारत ने महिला कंपाउंड टीम के रजत और मिश्रित टीम के कांस्य पदक से शनिवार को मैड्रिड में तीरंदाजी विश्व कप के चौथे चरण में दो पोडियम स्थान हासिल किए जिसमें ज्योति सुरेखा वेन्नम पदकों की हैट्रिक की ओर बढ़ रही हैं। हालांकि, पदक जीतने के बावजूद इस प्रदर्शन ने मुश्किल परिस्थितियों के दबाव में भारतीय तीरंदाजों की असक्षमता को उजागर कर दिया।

क्वालिफिकेशन दौर में कुल 2116 अंकों के साथ शीर्ष स्थान हासिल करने वाली ज्योति सुरेखा वेन्नम, परनीत कौर और पदार्पण कर रही 16 वर्षीय पृथिका प्रदीप की तिकड़ी स्वर्ण पदक की ओर बढ़ती दिख रही थी और तीसरे दौर के बाद 170-169 की बढ़त बनाए थी। लेकिन यह तिकड़ी निर्णायक क्षण में आए दबाव में लड़खड़ा गई और चीनी ताइपे से 225-227 से हारकर स्वर्ण पदक से चूक गईं।

चीनी ताइपे की तिकड़ी को स्वर्ण

इस हार ने फिर टीम की मानसिक कमजोरियों को उजागर कर दिया और 2022 एशियाई खेलों के बाद कंपाउंड कोच सर्जियो पाग्नी के जाने के बाद से पैदा हुए खालीपन को भी उजागर कर दिया। चीनी ताइपे की हुआंग आई-जौ, चेन यी-ह्सुआन और चिउ यू-एर्ह की तिकड़ी ने संयम बनाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। बाद में मिश्रित टीम स्पर्धा में ज्योति और ऋषभ यादव की शीर्ष वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी ने 10वीं वरीयता प्राप्त एल साल्वाडोर की पाओला कोराडो और डगलस व्लादिमीर नोलास्को की जोड़ी को 156-153 से हराकर कांस्य पदक जीता।

ज्योति सुरेखा के साथ परनीत कौर भी प्रतिस्पर्धा में

भारतीय मिक्स्ड डबल्स जोड़ी ने पहले दिन कुल 1431 अंकों के साथ क्वालीफाइंग विश्व रिकॉर्ड तोड़ा था। भारतीय मिक्स्ड डबल्स जोड़ी शुक्रवार को सेमीफाइनल में उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी थी और 12वीं वरीयता प्राप्त नीदरलैंड्स से 152-155 से हार गई थी। ज्योति सुरेखा व्यक्तिगत स्पर्धा में परनीत कौर के साथ भी प्रतिस्पर्धा में हैं और दोनों तीरंदाजों को दिन में अपने-अपने सेमीफाइनल में हिस्सा लेना है।