भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए पहले टी20 मैच में जसप्रीत बुमराह के शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारत को हार का सामना करना पड़ा। इस हार की बड़ी वजह उमेश यादव थे। 127 रनों का मामूली लक्ष्य होने के बावजूद ये मैच आखिरी गेंद तक गया। ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए दो ओवर में 16 रन चाहिए थे। बुमराह ने 19वे ओवर में बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए मात्र 2 रन देकर 2 विकेट चटकाए और भारत को मैच में वापसी करा दी। ऑस्ट्रेलिया को अब आखिरी निर्धारित छह गेंदों पर 14 रन बनाने थे और गेंद अनुभवी गेंदबाज उमेश यादव के हाथों में थी। लेकिन उमेश अपने अनुभव का फायदा नहीं उठा पाए और ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी गेंद पर ये मैच अपने नाम कर लिया। इसके बाद उमेश की हर जगह आलोचना हो रही है।

जसप्रीत बुमराह ने आलोचनाओं से घिरे उमेश यादव का बचाव करते हुए कहा कि कोई दिन ऐसा भी होता है जब अंतिम ओवर में गेंदबाज की रणनीति कारगर नहीं हो पाती। उमेश के अंतिम ओवर में बारे में पूछने पर बुमराह ने सीनियर साथी का बचाव करते हुए कहा ‘‘ऐसा हो जाता है, किसी भी हालात में अंतिम ओवर में गेंदबाजी करना हमेशा मुश्किल होता है। यह दोनों तरफ जा सकता है और कभी कभार तो इसमें आधी-आधी संभावनायें ही होती हैं। ’’ बुमराह ने आगे कहा ‘‘आप अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश करते हो और आप अपनी रणनीति में स्पष्ट होते हो। कुछ दिन तो यह कारगर होता है और कई दिन यह कामयाब नहीं हो पाता। इसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। हम मैच का अंत अपने पक्ष में करना चाहते थे लेकिन यह नहीं हो सका तो कोई बात नहीं। ’’


बुमराह ने कहा कि टॉस जीतने के बाद ऑस्ट्रेलिया को फायदा हुआ। उन्हें पता था कि उन्हें क्या करना है क्योंकि उनके सामने लक्ष्य था जबकि भारतीय टीम पारी को प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाने में लगी रही। उन्होंने कहा ‘‘जब आपके सामने लक्ष्य होता है तो यह थोड़ा अलग होता है। यह छोटा लक्ष्य था, इसलिये एक बाउंड्री लगाने के बाद आपको ज्यादा जोखिम उठाने की जरूरत नहीं थी। लेकिन पहले बल्लेबाजी करते हुए हम चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाने की कोशिश कर रहे थे इसलिये शायद यह थोड़ा अलग था। वे बाउंड्री लगाने के बाद स्ट्राइक रोटेट कर रहे थे।’’