भारत के एच एस प्रणॉय , लक्ष्य सेन और सात्विक साइराज रंकीरेड्डी तथा चिराग शेट्टी की जोड़ी जापान ओपन बैडमिंटन के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए। बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट 21 वर्ष के सेन ने जापान के केंटा सुनेयामा को 21- 14, 21 – 16 से हराया। सेन ने 50 मिनट के भीतर जापानी प्रतिद्वंद्वी को हराया। पहला गेम जीतने के बाद उसने सुनेयामा को वापसी का मौका ही नहीं दिया।

कोरिया ओपन जीतने वाले सात्विक साइराज और चिराग ने डेनमार्क के लास्से मोल्हेडे और जेप्पे बे को 21 – 17, 21 – 11 से मात दी। वहीं प्रणॉय ने हमवतन किदाम्बी श्रीकांत को 19 – 21, 21 – 9, 21 – 9 से हराया । महिला डबल्स में गायत्री गोपीचंद और त्रिसा जॉली को नामी मत्सुयामा और चिरारू शिडा ने 21 – 21, 21 – 19 से मात दी।

सात्विक-चिराग की एकतरफा जीत

प्रणॉय पहला गेम हार गए थे लेकिन शानदार वापसी करके अगले दो गेम जीते। सात्विक और चिराग के लिये मुकाबला लगभग एकतरफा रहा जिन्होंने सीधे गेमों में जीत दर्ज की । इस सत्र में सात्विक और चिराग ने कोरिया ओपन सुपर 500, स्विस ओपन सुपर 300 और इंडोनेशिया ओपन सुपर 1000 खिताब जीते हैं।

सिंधु पहले ही राउंड में हुई बाहर

सिंधु को चीन की खिलाड़ी के खिलाफ सिर्फ 32 मिनट में 12-21 13-21 से हार का सामना करना पड़ा। इस भारतीय खिलाड़ी को इस साल 13 बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर प्रतियोगिताओं में सातवीं बार पहले दौर में शिकस्त झेलनी पड़ी है। चोट के बाद वापसी करते हुए सिंधु उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम रही हैं और विश्व रैंकिंग में भी 17वें स्थान पर लुढ़क गई हैं।

सिंधु लगातार गलतियां कर रही हैं और कम रैंकिंग वाली खिलाड़ियों के खिलाफ भी उन्हें महत्वपूर्ण समय पर अंक हासिल करने के लिए जूझना पड़ रहा है। पीवी सिंधु ने हाल में 2003 के ऑल इंग्लैंड चैंपियन मोहम्मद हाफिज हशीम के मार्गदर्शन में खेलना शुरू किया है और उन्हें उम्मीद है कि उनके प्रदर्शन में सुधार होगा। सिंधु ने दुनिया की 18वें नंबर की खिलाड़ी झेंग को इस साल मई में मलेशिया ओपन के क्वार्टर फाइनल में हराया था लेकिन चीन की खिलाड़ी से जापान ओपन में इस हार का बदला चुकता कर लिया।