श्रीलंकाई दौरे पर अपने आक्रामक व्यवहार के कारण एक मैच का प्रतिबंध झेलने वाले भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने कहा कि अब वह उस बारे में सोच भी नहीं रहे हैं। निलंबन के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मोहाली में पहले टेस्ट मैच में नहीं खेल पाने वाले इशांत ने कहा कि श्रीलंका में जो हुआ उसके बारे में सोचने के बजाय वह भविष्य पर ध्यान देना पसंद करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘जिंदगी में कई बार हम पीछे मुड़कर देखते हैं और पुरानी बातों को याद करते हैं और सोचते हैं कि यदि मैं ऐसा करता या नहीं करता तो चीजें अलग होती। इसका कोई जवाब नहीं होता है। जब मुझ पर मोहाली टेस्ट का प्रतिबंध लगा तो मैंने फैसला किया कि मैं पीछे मुड़कर नहीं देखूंगा। श्रीलंका में जो कुछ हुआ वह बीती बात है और मैं उस बारे में नहीं सोचना चाहता।’

श्रीलंकाई दौरे में अपने गुस्से के कारण इशांत को कई पूर्व क्रिकेटरों की आलोचना झेलनी पड़ी थी। इस दौरे में उनकी धम्मिका प्रसाद के साथ झड़प भी हुई थी। इशांत ने कहा, ‘धम्मिका प्रसाद मेरे लिये बाउंसर कर रहा था। एक ओवर में आप केवल दो बाउंसर कर सकते हो लेकिन उसने तीसरा भी किया। मैं जानता था कि वह ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि गेंदबाजी करते समय मैंने उसके हाथ पर लगाई थी।’

बेहतर गेंदबाज बनने के लिये अपनी तकनीक में किये गये बदलावों के बारे में इशांत ने कहा कि वह अब अधिक गेंदबाजी और छोटे रन अप से गेंदबाजी करने पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी गेंदबाजी पर बहुत काम नहीं किया। मैं केवल अधिक गेंदबाजी कर रहा हूं।

सभी कहते हैं कि तेज गेंदबाजों को एशिया में विकेट नहीं मिलेंगे और यहां की पिचें स्पिनरों के अनुकूल होती है। लेकिन कुछ ऐसे दौर होते हैं जबकि कुछ नहीं होता और विकेट आसानी से नहीं मिलते हैं। तब एक तेज गेंदबाज होने के नाते आपको खुद से कहना पड़ता है कि मुझे अपने कप्तान के लिये विकेट लेना होगा। इसके लिये आपको आत्मविश्वास की जरूरत पड़ती है। मैंने अपना अधिक गेंदबाजी करके इसे हासिल किया।’

इशांत ने कहा, ‘मैंने अपने रन अप को थोड़ा छोटा किया क्योंकि जब मैं दौड़ता था तो सहज महसूस नहीं करता था। कुछ कमी खलती थी। मैं कई नो बॉल भी कर रहा था। रन अप छोटा करने के बाद मैं अधिक सहज महसूस करता हूं और नो बॉल की संख्या में भी कमी आई है। जब आप अपने रन अप में सहज महसूस करते हो तो आपकी गेंदबाजी की लय में खुद ही सुधार होता है।’