इंग्लैंड महिला टीम ने सोमवार को आयरलैंड के खिलाफ अपने वनडे इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। उसकी इस जीत में टीम की ओपनर टैमी ब्यूमोंट ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 16 चौके और एक छक्के की मदद से 139 गेंद में 150 रन की नाबाद पारी खेली। खास यह है कि ऐसा प्रदर्शन उन्होंने कमरदर्द से जूझते हुए किया।
बता दें कि तीन वनडे की सीरीज के दूसरे मैच में इंग्लैंड की टीम अपने कई बड़ी स्टार्स के बिना उतरी थी, लेकिन इसके बावजूद रिकॉर्ड जीत हासिल करने में कामयाब रही। इंग्लैंड ने आयरलैंड के खिलाफ सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली है।
इंग्लैंड ने बनाए 320 रन
टीम दूसरे वनडे में पहले बल्लेबाजी करने उतरी और 50 ओवर में 8 विकेट खोकर 320 रन बनाने में कामयाब रही। टैमी ब्यूमोंट के अलावा फ्रेया कैंप ने 65 रन बनाए। उनकी पारी में दो छक्के और सात चौके शामिल थे। इन दोनों बल्लेबाजों के अलावा कोई भी 20 रन का आंकड़ा छू नहीं सका। आयरलैंड के गेंदबाजों ने 24 अतिरिक्त रन दिए जिसमें 22 वाइड शामिल थीं।
आयरलैंड की टीम 45 रन पर ऑलआउट
आयरलैंड के लिए लक्ष्य पहाड़ जैसा था। वह इसी के दबाव में फंस गई। पूरी टीम मिलकर 50 रन तक नहीं पहुंच सकी। 16.5 ओवर में वह 45 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। गैबी लुइस, ओरला प्रेडरगास्ट, एरिनी कैली और एमी मैग्यूर अपना खाता भी नहीं खोल पाईं। टीम की ओर से केवल ओपनर उना रेमंड ही इकलौती बल्लेबाज रही जिन्होंने दहाई का आंकड़ा पार किया। उना ने 37 गेंदों में 22 रन बनाए। इंग्लैंड की कप्तान केट क्रॉस ने 8 रन देकर 3 विकेट झटके। वहीं लॉरेन फिलर ने महज 10 रन देकर तीन विकेट अपने नाम किए।
गैबी लुईस की युवा टीम सीख रही है
आयरलैंड की कप्तान गैबी लुईस ने क्रिकेट आयरलैंड को दिए बयान में कहा, ‘क्रिकेट उतार-चढ़ाव का खेल है। आज का दिन हमारा नहीं था। हमारी टीम कम अनुभवी है। हम बढ़ते हुए सीख रहे हैं। हमारी तीन गेंदबाज 19 साल से कम उम्र की हैं। यह उनके लिए बहुत मुश्किल है।’
कमर दर्द से परेशान थीं ब्यूमोंट
वहीं टैमी ब्यूमोंट ने बताया कि वह बल्लेबाजी करते हुए कमर दर्द से परेशान थीं। उन्होंने कहा, ‘जब मैं चार साल की थी तबसे लोग कह रहे हैं कि मैं यह नहीं कर सकती, वह नहीं कर सकती. लेकिन मैंने हमेशा उनको गलत साबित किया। अब मेरे पास साबित करने के लिए कुछ नहीं है। अब मैं सिर्फ अपने लिए, अपने साथियों के लिए और अपनी टीम के लिए खेल रही हूं। मैंने रिकॉर्ड तोड़े हैं, लेकिन खुद को साबित करते रहने की जरूरत नहीं है।’