इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2022 चैंपियन गुजरात टाइटंस के उप कप्तान राशिद खान शानदार गेंदबाज होने के साथ-साथ बेहतरीन शेफ भी हैं। आईपीएल चैंपियन बनकर वह बहुत खुश हैं। राशिद की गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर्स में होती है। आईपीएल 2022 के दौरान उनकी गेंदों का खौफ बल्लेबाजों के चेहरों पर साफ दिखाई दिया। ऑरेंज कैप विजेता जोस बटलर ने भी उनकी गेंदों को पूरा सम्मान दिया। हालांकि, मैदान के बाहर राशिद दोस्त बनाना चाहते हैं। उनके सोशल मीडिया पोस्ट में उन्हें टीम के होटल्स में अपने साथियों के लिए खाना बनाते हुए दिखाया गया है, फिर चाहे वह आईपीएल हो, बिग बैश लीग (बीबीएल) या फिर पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) हो।
इतनी ख्याति और सम्मान के बाद किसी की शायद ही कुछ और हासिल करने ख्वाहिश रहती हो, लेकिन राशिद खान का एक सपना अब भी पूरा नहीं हुआ। उन्हें लगता है जिस दिन वह सपना पूरा होगा कि वह दिन उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन होगा। करीब दो साल पहले 18 जून 2020 को राशिद खान ने अपनी मां को खो दिया था। उससे करीब डेढ़ साल पहले 30 दिसंबर 2018 को राशिद के पिता का देहांत हो गया था। उस समय महज 20 साल के थे।
इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में राशिद खान अपने माता-पिता को याद करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा, ‘जब मैंने बीमार मां को संतरे का जूस दिया था तो उन्होंने कहा था कि इससे तो अच्छा होता कि तू मुझे जहर लाकर दे देता।’ राशिद की मां को कोरोना हो गया था। उन्हें नमक समेत कुछ चीजें देने से मना कर दिया गया था। राशिद बताते हैं कि वह जूस लेकर अपने कमरे में चले जाते हैं। अचानक उनके बहन के चीखने की आवाज उन्हें सुनाई देती है। वह नीचे की ओर भागते हैं, मां उन्हें देखती हैं और अचानक उनका सिर एक ओर लुढ़क जाता है।
राशिद को तब तक विश्वास ही नहीं था कि उनकी मां कितने गंभीर खतरे में हैं। मां का चेहरा आज तक राशिद की नजरों के सामने है। राशिद कहते हैं, ‘मैं अब भी ठीक से सो नहीं पाता हूं। मां को चेहरा सामने आता है और मैं झटके से जाग जाता हूं। उनका प्यार, उनकी आवाज…।’ एक और आवाज है, जो राशिद को कई बार जगाए रखती है। वह है बम का शोर। राशिद अंडर-19 कैंप में थे, तब आधी रात को एक विस्फोट ने उन्हें और उनके साथियों को जगा दिया।
राशिद ने बताया, ‘हमारे चारों ओर मलबा था, धूल…। हम जहां पर थे, उस जगह के पास में हमला हुआ था। हम लोगों ने कमरा बंद कर दिया और जमीन पर बैठ गए। किसी ने दस्तक देकर बताया कि हमारी इमारत में धमाका नहीं हुआ है। हालांकि, हम सभी लड़के रात एक बजे से अगले दिन सुबह 8 बजे तक जमीन पर बैठे रहे।’ राशिद ने कहा, ‘विस्फोट की आवाज। यह कभी दूर नहीं होती। वह एक अलग आवाज थी। मैंने अपने जीवन में उस तरह की आवाज कभी नहीं सुनी। जब भी घर में (अफगानिस्तान में) कुछ बुरा होता है तो मैं इसके बारे में जरूर सोचता हूं।’
देश में खतरनाक हालात होने के बावजूद अपने देश से राशिद को बहुत प्यार है। राशिद कहते हैं कि उन्हें इस बात से खुशी मिलती है कि उनका प्रदर्शन प्रशंसकों के जीवन में कुछ खुशी लाता है, ताकि वे ‘जो कुछ हुआ है उसे भूल सकें।’ वह एक राशिद खान फाउंडेशन चलाते हैं, जो अफगान बच्चों का सपोर्ट करता है। राशिद की दिली तमन्ना काबुल में क्रिकेट मैच खेलने की है।
राशिद खान ने कहा, ‘आप आईपीएल में देखते हैं कि जब कोई भारतीय खिलाड़ी आता है तो भीड़ कैसा रिएक्ट करती है। मुझे भी वैसा अहसास चाहिए। अहमदाबाद में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में जीत के बाद की अगली सुबह, गुजरात टाइटंस के आधिकारिक हैंडल ने उन्हें टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘यह एक सपना नहीं था, राशिदभाई?’ राशिद ने भी जवाब दिया, ‘नहीं, नहीं यह हकीकत है, जागूं!’ राशिद को उम्मीद है कि एक दिन वह काबुल में मैच खेलेंगे।