वेंकट कृष्ण बी
Dwayne Bravo: टी20 फॉर्मेट में फैंस को बल्लेबाजों की तूफानी पारियां तो देखने को मिलती ही हैं लेकिन गेंदबाज भी पीछे नहीं है. डेथ ओवर्स में एक गेंद से ये खिलाड़ी पूरा मैच पलट देते हैं. लेकिन इस फॉर्मेट में सबसे मुश्किल काम यही है कि आखिर के ओवर्स में कौन सी गेंद डाली जाए कि काम बन जाए. चेन्नई सुपर किंग्स के गेंदबाजी कोच ड्वेन ब्रावो ने इस सवाल का विस्तार से जवाब दिया.
डेथ ओवर्स में यॉर्कर ही है बेस्ट ऑप्शन
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में ब्रावो ने बताया कि आखिर के ओवर्स में गेंदबाजी करना आसान नहीं होता है और ऐसे मौके पर जब विकेट की बहुत ज्यादा जरूरत हो तो यॉर्कर गेंद ही काम आती हैं. उन्होंने कहा, ‘सबसे बेस्ट तो यही है कि आप यॉर्कर डालें लेकिन ये गेंद डालना सबसे मुश्किल काम है. आपको घंटो तक इसका अभ्यास करना पड़ता है. ये गेंद सबसे अहम होती है.’
बिना यॉर्कर के टी20 में टिकना मुश्किल
आईपीएल के एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले इस गेंदबाज ने कहा, ‘अगर आपको टी20 फॉर्मेट में टिकना है तो ये गेंद डालना आना चाहिए. अगर आप ये गेंद नहीं डाल सकते हैं तो और आपकी रफ्तार 150 किमी प्रति घंटे की नहीं है तो आप इस फॉर्मेट में ज्यादा समय नहीं टिक पाएंगे. अगर 150 की रफ्तार से भी गेंद डालते हैं तब भी ऐसा समय आएगा जब आपके पास इस गेंद को डालने के अलावा कोई और विकल्प नहीं होगा. जब भी आप दबाव में होते हैं तो यॉर्कर ही सबसे भरोसेमंद ऑप्शन है.’
CSK के गेंदबाजों को दे रहे हैं यॉर्कर का ज्ञान
ब्रावो खुद भी मीडियम पेसर रहे हैं ऐसे में उन्होंने अपनी स्लो यॉर्कर पर काफी काम किया ताकी वो टी20 फॉर्मेट में बने रहे. वो अब यही ज्ञान चेन्नई सुपर किंग्स के गेंदबाजों को भी दे रहें जिनमें से कोई भी 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी नहीं करता है. वो खिलाड़ियों को स्लो गेंद और यॉर्कर की अहमियत समझा रहे हैं.
ब्रावो ने कहा, ‘चेन्नई में ज्यादातर गेंदबाज मेरे जैसे ही हैं जिनके पास बल्लेबाजों को डराने के लिए खतरनाक रफ्तार नहीं है. वो सभी मीडियम पेसर हैं कोई भी 150 की रफ्तार से गेंद नहीं डालता. हर किसी के पास वैरिएशन हैं लेकिन चीजों को सिंपल रखना ज्यादा अहम है.’
