इंडियन प्रीमियर लीग के अगले सीजन यानी IPL 2020 में विराट कोहली को अंपायर के ऊपर उस तरह से भड़कने का मौका नहीं मिलेगा। जैसा उन्होंने IPL 2019 में मुंबई इंडियंस के खिलाफ मैच में किया था। उस मैच की आखिरी गेंद को अंपायर सुंदरम रवि ने नो बॉल नहीं दिया था। हालांकि, टीवी रीप्ले में साफ दिख रहा था कि वे लसिथ मलिंगा का पैर क्रीज से बाहर था। इस मामले में काफी तूल पकड़ा था। ऐसी भी खबरें आईं थीं कि मैच के बाद विराट अंपायर के कमरे में भी गए थे और वहां उन्होंने सुंदरम रवि को खरी-खोटी सुनाई थी।

पूर्व क्रिकेटर ब्रजेश पटेल की अध्यक्षता में मंगलवार यानी 5 नवंबर 2019 को हुई आईपीएल गर्वनिंग काउंसिल की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। उसके बाद ऐसी संभावना बन रही है कि इस सीजन से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) नो बॉल को मॉनिटर करने के लिए एक स्पेशलिस्ट अंपायर को तैनात कर दे।

इस मामले की पुष्टि करते हुए काउंसिल के एक सदस्य ने बताया, ‘गवर्निंग काउंसिल के एक सदस्य ने कहा कि इस प्रयास से गलतियों की संख्या में कमी आएगी। इसके लिए एक विशेष अंपायर होगा, जो ऑन-फील्ड अंपायरों और तीसरे अंपायर के साथ समन्वय स्थापित कर काम करेगा। यह त्रुटियों को कम करने की एक कोशिश है। आईपीएल में इसे लागू करने से पहले घरेलू टूर्नामेंट यहां तक कि इसे रणजी ट्रॉफी में भी आजमाया जा सकता है। हम आगे इस पर चर्चा करेंगे और देखेंगे कि यह कैसे होता है।’

बैठक में पटेल के अलावा गवर्निंग काउंसिल के सदस्य खैरुल जमाल मजूमदार और सुरिंदर खन्ना भी मौजूद थे। तीनों ने ‘पावर प्लेयर’ की अवधारणा पर भी चर्चा की। ‘पावर प्लेयर’ आईपीएल में गेम चेंजर के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, बीसीसीआई एक शीर्ष पदाधिकारी ने पुष्टि कि समय की कमी के कारण इसे आईपीएल 2020 में लागू नहीं किया जाएगा।

उन्होंने बताया, ‘हम सभी विकल्पों का पता लगा रहे हैं। समय के साथ फैसला लिया जाएगा। टूर्नामेंट को फैन-फ्रेंडली बनाने पर विचार चल रहा है। हम हर सुझाव को ध्यान में रखेंगे, लेकिन समय की कमी के कारण आईपीएल के अगले सीजन में पावर प्लेयर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।’