नितिन शर्मा। राजस्थान के अलवर के रहने वाले अशोक शर्मा पिछले 6 सालों से अपना घर, शहर और और गांव छोड़कर जयपुर में एक परचून की दुकान चला रहे हैं। उन्होंने यह सबकुछ किया अपने बेटे के लिए जो खेलना चाहता था, देश के लिए मेडल लाना चाहता था, अपने पिता का नाम रोशन करना चाहता था। जिस मैट पर मोहित शर्मा ने यह सारे सपने देखे उसी मैट पर उनकी जान चली गई। राजस्थान के इस युवा और प्रतिशाली खिलाड़ी की मौत से पूरा परिवार सदमें में हैं।
बेटे के लिए जयपुर आकर बसे अशोक
मोहित के पिता अशोक ने इंडियन एक्सप्रेस को बेटे के लिए किए गए अपने संघर्ष की कहानी बताई। उन्होंने कहा, ‘मोहित को वुशू और दूसरी मार्शल आर्ट्स का शौक था और यही वजह थी कि उसने मुझे जयपुर शिफ्ट कर दिया ताकि वह स्थानीय कॉलेज में ट्रेनिंग कर सके। मेरे लिए यह मुश्किल था क्योंकि मैंने मोहित और अपने परिवार का खर्च उठाने के लिए परचून की दुकान खोली थी। जब मोहित का चयन राजस्थान यूनिवर्सिटी टीम के लिए हुआ, तो वह बहुत उत्साहित था और उसने हमसे कहा कि वह पदक जीतेगा और राजस्थान को गौरवान्वित करेगा। उसके जाने से, हमने उसे पदक जीतते देखने के अपने सपनों सहित सब कुछ खो दिया है।”
मोहित को थी देश के लिए मेडल जीतने की उम्मीद
मोहित ने दो साल पहले वुशु खेलना शुरू किया। वह जयपुर के चौगन स्टेडियम में ट्रेनिंग करते थे। उन्होंने ऑल इंडिया इंटर वुशु चैंपियनशिप के लिए ट्रॉयल्स जीतकर राजस्थान टीम में जगह बनाई। वह इसके लिए काफी उत्साहित थे। मोहित ने पहले राउंड का मुकाबला आसानी से जीता। दूसरे राउंड के मुकाबले के लिए रेफरी ने खिलाड़ियों को मैट पर बुलाया। मोहित वहां आए और गिर गए।
टूर्नामेंट में मौजूद मेडिकल टीम ने उनका चेकअप किया जिसके बाद उन्हें यूनिवर्सिटी में मौजूद अस्पताल ले जाया गया। यहां से वह खरार सरकारी अस्पताल गए जहां उन्हें मृत घोषित किया गया। उनके निधन से साथी भी काफी दुखी हैं।
दोस्त और साथी भी सदमें में
मोहित के साथ ट्रेनिंग करने वाले वाले रजत गुप्ता ने कहा, ‘मोहित को मार्शल आर्ट्स का बहुत शौक था और वह शायद ही कभी कोई ट्रेनिंग डे मिस करता था। वह हमारे साथ स्टेडियम ग्राउंड में प्रैक्टिस के लिए आता था और जब मैं पिछले हफ़्ते उससे मिला, तो वह चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी मीट में खेलने को लेकर उत्साहित था। उसके सभी दोस्त और साथी इस दुखद खबर से सदमे में हैं।’