विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने निदास ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ एक यादगार पारी खेलकर भारतीय टीम को जीत दिलायी। मनीष पांडे के आउट होने के बाद भारत को 2 ओवर में 34 रनों की जरूरत थी। दिनेश कार्तिक अभी-अभी पिच पर आए थे तो वहीं विजय शंकर अपना शॉट सही तरीके से नहीं खेल पा रहे थे। कार्तिक ने पहले ही गेंद पर छक्का जड़ फैन्स को जीत का भरोसा दिलाया और 19 वें ओवर में उन्होंने दो चौके और दो छक्के की मदद से 22 रन बनाए। अंतिम ओवर में टीम को 12 रन चाहिए था, लेकिन पहली तीन गेंदों पर महज तीन रन बने। टीम को अंतिम तीन गेंदों में 9 रनों की जरूरत थी। शंकर चौथी गेंद पर चौका लगाने में कामयाब रहे, लेकिन पांचवीं गेंद पर वह आउट हो गए। इसके बाद अंतिम गेंद पर कार्तिक ने छक्का जड़ टीम को जीत दिला दी। 8 गेंदों में ताबड़तोड़ 29 रनों की पारी खेल कर वह मैन ऑफ द मैच भी बने। कार्तिक ने कहा, ”हमने पूरा टूर्नामेंट अच्छा खेला है, ऐसे में अगर हम फाइनल नहीं जीतते तो ये हमारे साथ न्याय नहीं होता।”

श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में निदास ट्राफी के फाइनल में आखिरी बॉल पर छक्का लगाने के बाद भारत की जीत पर जश्न मनाते दिनेश कार्तिक (दाहिने)। फोटो- पीटीआई

अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी को लेकर कार्तिक ने कहा, ”मैंने नेट पर इस तरह के शॉट की काफी प्रैक्टिस किया करता था। मुझे खुशी है कि इन शॉट्स की वजह से आज टीम को एक अहम मुकाबले में जीत मिली।” मुझे इस बात का अंदाजा हो चुका था कि इस विकेट पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं है।’ मुस्तफिजुर रहमान ने अपने 18वें ओवर में सिर्फ एक रन दिया और मनीष पांडे का विकेट लिया। ऐसे में मेरे पास सेट होने का समय नहीं था।”

कार्तिक ने आगे कहा, ”इस पारी के दौरान किस्मत ने भी मेरा बखूबी साथ दिया। कुछ शॉट्स में जहां खेलना चाहता था, आसानी से वहां खेलने में कामयाब रहा।” टीम के युवा खिलाड़ियों पर बात करते हुए कार्तिक ने कहा कि इस टूर्नामेंट में सभी ने शानदार प्रदर्शन किया।