हिमांशु अग्निहोत्री। आईटीटीएफ टेबल टेनिस विश्व रैंकिंग में मैं अभी 73वें पायदान पर हूं। सबसे पहले मैं अपनी रैंकिंग सुधारने पर काम करूंगा। इसके लिए मुझे अधिक से अधिक विश्व टेबल टेनिस टूर्नामेंट में हिस्सा लेना होगा। पेरिस ओलंपिक में मैं पदक जीतने से जरूर चूक गया, लेकिन अल्टीमेट टेबल टेनिस के इस सीजन में मेरा शानदार प्रदर्शन रहा। इस लय को मैं आगे विश्व टूर्नामेंट में भी बरकरार रखना चाहूंगा। ये बातें टेबल टेनिस के धुरंधर खिलाड़ी हरमीत देसाई ने ‘जनसत्ता’ से एक विशेष बातचीत में कहीं।
पेरिस ओलंपिक में अपने अनुभव को साझा करते हुए हरमीत देसाई ने बताया कि पेरिस ओलंपिक मेरे लिए एक बड़ा मंच था। मेरा 2024 में पहला ओलंपिक था और इसमें मैंने बहुत कुछ सीखा। पुरुष और महिला दोनों टीमों ने क्वालिफाई किया, जो गर्व की बात है। मैंने एकल और पुरुष टीम स्पर्धा में हिस्सा लिया। एकल में पहला चरण जीता, लेकिन दूसरे में हार मिली। टीम मुकाबले में हम प्री-क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे। सफर शानदार रहा, लेकिन पदक न जीत पाने का दुख अब भी है। फिर भी, यह अनुभव मुझे अगले ओलंपिक के लिए और मजबूत बनाएगा।
6 वर्ष की उम्र से खेल रहे टेबल टेनिस
अपनी उपलब्धियों पर हरमीत ने बताया, ‘जब मैं छह वर्ष का था तब मैंने टेबल टेनिस में अपने करियर की शुरुआत की थी। इस दौरान राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुष टीम और युगल में स्वर्ण तथा कांस्य, 2022 में टीम का स्वर्ण, एशियाई खेलों में कांस्य और दक्षिण एशियाई खेलों 2019 में तीन स्वर्ण और सिंगल्स में रजत पदक जीता। एशियाई चैंपियनशिप में चार कांस्य हासिल किए। ये उपलब्धियां मेरे लिए प्रेरणा हैं। हर पदक ने मुझे और मेहनत करने की हिम्मत दी है।’
हरमीत देसाई का कोई निजी कोच नहीं
खेल में अपने अभ्यास पर भी हरमीत ने चर्चा की। उन्होंने बताया, ‘मैं सूरत और फ्रांस में अभ्यास करता हूं। ज्यादातर मैं राष्ट्रीय कोच से प्रशिक्षण लेता हूं। अभी मेरा कोई निजी कोच नहीं रहा है, लेकिन राष्ट्रीय कोच का मार्गदर्शन मेरे लिए काफी है। मैं अपने खेल को और निखारने पर ध्यान दे रहा हूं।’ ‘अल्टीमेट टेबल टेनिस’ का छठा सत्र मई-जून 2025 में आयोजित किया गया, जिसमें यू मुंबा ने जीत हासिल की।
हरमीत देसाई ने कहा, ‘यह टूर्नामेंट जूनियर और सीनियर खिलाड़ियों को एक मंच देता है। ओलंपिक और विश्व स्तर के खिलाड़ियों के साथ खेलना और उनसे सीखना अद्भुत है। जूनियर्स के पास फिटनेस, शाट्स और खेल को बेहतर बनाने का शानदार मौका है।’ उन्होंने कहा, ‘रैंकिंग में सुधार करना मेरा प्रमुख लक्ष्य है। इसके लिए मुझे ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट खेलने हैं। जैसे- डब्ल्यूटीटी स्लोवेनिया, नाइजीरिया, चाइना स्मैश, स्वीडन स्मैश और अक्टूबर में एशियन चैंपियनशिप में अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता हूं, क्योंकि विश्व में जितनी ऊंची रैंकिंग होगी, उतना मेरा और मनोबल बढ़ेगा।
मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य अगला ओलंपिक
उन्होंने आगे कहा कि मेन्स डबल्स में मैं जी साथियान और मिक्स्ड डबल्स में यशस्विनी घोड़पड़े के साथ खेलता हूं। दोनों ही शानदार खिलाड़ी हैं और उनके साथ खेलने में मजा आता है। हमारी जोड़ी ज्यादातर मुकाबलों में जीत हासिल करती है। जयपुर पैट्रियट्स का हिस्सा हरमीत देसाई ने कहा कि अगला ओलंपिक मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य है। मैं जी-तोड़ मेहनत करूंगा, ताकि देश के लिए पदक जीत सकूं। अपने खेल में सुधार, फिटनेस और रणनीति पर काम कर रहा हूं। पूरी उम्मीद है कि मैं देश का गौरव बढ़ाऊंगा।’