भारतीय टीम के चयन को लेकर इन दिनों काफी कुछ कहा जा रहा है। जिस तरह से खिलाड़ियों को टीम से अंदर-बाहर किया जा रहा है। उस पर कई पूर्व क्रिकेटरों और क्रिकेट के जानकारों ने सवाल उठाए हैं। ताजा मामला भारत के सलामी बल्लेबाज मुरली विजय से जुड़ा है। दरअसल मुरली विजय के टीम से बाहर होने पर भी संवादहीनता का बातें सामने आ रही हैं। मुरली विजय का कहना है कि उन्हें टीम से बाहर किए जाने पर किसी भी चयनकर्ता या टीम के किसी खिलाड़ी द्वारा उन्हें सूचित भी नहीं किया गया। अब इस मसले पर मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने हैरानी जतायी है। एमएसके प्रसाद ने कहा है कि “ये सभी आधारहीन रिपोर्ट हैं। जहां तक मुरली विजय को बाहर करने के बाद उनसे संवादहीनता की बात है, तो मैं भी इनसे हैरान हूं कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा जबकि मेरे साथी चयनकर्ता देवांग गांधी ने उन्हें सूचित कर दिया था और ये उन्हें बाहर करने का कारण भी बताया था।”

वहीं शिखर धवन को बाहर करने के सवाल पर एमएसके प्रसाद ने कहा कि शिखर धवन को इसलिए बाहर किया गया क्योंकि वह सीमित ओवरों की फॉर्म को टेस्ट क्रिकेट में जारी नहीं रख पा रहे हैं। प्रसाद ने कहा कि शिखर सीमित ओवरों के खेल में तो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन लंबे प्रारुप में उनका प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं है। पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल को टीम में शामिल किए जाने के मुद्दे पर मुख्य चयनकर्ता ने कहा कि दोनों ने भारत ए और घरेलू क्रिकेट में खूब रन बनाए हैं और इसी के चलते उन्हें मौका देने का फैसला किया गया है। यह फैसला करने से पहले शिखर धवन को पर्याप्त मौके दिए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि करुण नायर के टीम से बाहर किए जाने पर काफी सवाल उठे हैं। भारतीय दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने भी करुण नायर के टीम से बाहर किए जाने पर चयनसमिति को कटघरे में खड़ा किया है। बता दें कि करुण नायर को 6 टेस्ट मैचों में अंतिम 11 में मौका दिए बिना ही वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज से बाहर कर दिया गया है। हरभजन सिंह ने कहा कि एमएसके प्रसाद के नेतृत्व वाली चयनसमिति के राष्ट्रीय टीम के चयन के मापदंड उनकी समझ से परे हैं। हरभजन ने कहा कि 3 महीने तक बेंच पर बैठा खिलाड़ी इतना बुरा कैसे हो सकता है कि वह टीम में बने रहने लायक भी नहीं है।