भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या को उम्मीद है कि वे अगले साल फरवरी में अपनी लंबी चोट से उबर सकते हैं। ऐसे में बहुत ज्यादा संभावना है कि भारत के न्यूजीलैंड दौरे के दौरे में वे टीम इंडिया का हिस्सा बनें। भारत का न्यूजीलैंड दौरा अगले साल 24 जनवरी से शुरू होकर 4 मार्च तक चलेगा। इस दौरे में टीम इंडिया 2 टेस्ट मैच, 3 वनडे और 5 टी20 इंटरनेशनल मैच खेलेगी। पंड्या ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज के दौरान खेला था। उसके बाद से वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हैं। अक्टूबर में पीठ दर्द की शिकायत के बाद उन्होंने सर्जरी कराई थी। 2018 के मध्य में भी वे चोट के चलते टीम से बाहर रहे थे।
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने समाचार एजेंसी आईएएनएस के हवाले से लिखा है कि पंड्या न्यूजीलैंड दौरे के बीच में टीम इंडिया से जुड़ सकते हैं। पंड्या के मुताबिक, ‘मैं अपनी पीठ की देखरेख कर रहा था। सर्जरी नहीं करानी पड़ी इसके लिए हरसंभव कोशिश की। हालांकि, सब कुछ आजमाने के बाद, हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि इससे काम नहीं चलेगा और सर्जरी करानी ही पड़ेगी। मैंने देखा कि मैं अपना 100% नहीं दे पा रहा था। इसका मतलब है कि मैं खुद और टीम के साथ न्याय नहीं कर रहा था। तभी मैंने सर्जरी कराने का फैसला किया।’
पंड्या ने स्पष्ट किया कि उनकी सर्जरी का टाइम अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले ICC मेंस टी20 विश्व कप को लेकर बिल्कुल सही था। उन्होंने बताया, ‘हमने सोचा कि यह सही समय है, क्योंकि अगर मुझे चार महीने लग जाते हैं, तो मैं न्यूजीलैंड सीरीज से पहले वापस कर लूंगा। वास्तव में तब वर्ल्ड कप के लिए करीब 6 महीने बच रहे होंगे। यही वह योजना थी जिससे मैं कुछ अंतरराष्ट्रीय मैच, आईपीएल और फिर टी20 वर्ल्ड कप खेल सकता था। सबसे बड़ी चिंता थी टी20 विश्व कप को लेकर थी, जो अब ईश्वर की कृपा से अब हमारे हाथ में है।’
T20 इंटरनेशनल मैचों में 147.61 से रन बनाने वाले इस हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा, ‘सकारात्मक रहना सबसे बड़ी चुनौती थी। ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस और जसप्रीत बुमराह से प्रेरणा लेकर खुद को वापसी के लिए प्रेरित किया। आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आप गलत रास्ते पर नहीं जाएं। आप खुद से सवाल न करें कि ऐसा आपके साथ क्यों हो रहा है? मैं खुद को वापस लाने और सकारात्मक रहने की कोशिश करता हूं। मैं समझ गया हूं कि हर वापसी मुझे एक मजबूत बनाती है। मैं चाहता हूं कि लोग कहें कि मैंने कुछ सीखा जब मैं चोट के कारण दूर था।’