भारतीय ओलंपिक संघ की पहली महिला अध्यक्ष बनने के दो साल से भी कम समय के बाद, प्रसिद्ध एथलीट पीटी उषा को 25 अक्टूबर को इसकी विशेष आम बैठक के दौरान अविश्वास मत का सामना करना पड़ सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कार्यकारी परिषद द्वारा बैठक के एजेंडा मुद्दों के बिंदु संख्या 26 के अनुसार, आईओए ‘कथित संवैधानिक उल्लंघनों और भारतीय खेलों के लिए संभावित रूप से हानिकारक कार्यों के मद्देनजर प्रेसिडेंट के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और विचार करेगा।’
पीटी उषा का आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों के साथ लंबे समय से विवाद चल रहा है और दोनों तरफ से आरोप लग रहे हैं। IOA की प्रमुख बनने वाली पहली महिला पीटी उषा ने कथित तौर पर पात्रता मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए कई कार्यकारी परिषद सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
दूसरी ओर, उनके विरोधियों ने पीटी उषा पर ‘ज्यादती’ का आरोप लगाया है। पेरिस ओलंपिक में आतिथ्य लाउंज के लिए रिलायंस के साथ अनुबंध के संबंध में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने भी उनसे पूछताछ की है।
सीएजी ने आरोप लगाया है कि रिलायंस को ‘अनुचित लाभ’ दिया गया और उषा द्वारा लिए गए फैसलों से आईओए को 24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। पीटी उषा ने इन आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया है।
एजेंडे में अन्य मदों में आईओए अध्यक्ष की शक्तियों, पीटी उषा की ओर से निष्पादित ‘प्रायोजन अनुबंधों के विवरण पर चर्चा’, सीईओ की नियुक्ति और भारतीय भारोत्तोलन महासंघ को 1.75 करोड़ रुपये दिए गए ऋण की समीक्षा शामिल है।
आईओए कोषाध्यक्ष सहदेव यादव, अजय पटेल, भूपिंदर सिंह बाजवा, राजलक्ष्मी सिंह देव और अलकनंदा अशोक सहित कई कार्यकारी परिषद सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।