ऑस्ट्रेलिया के हाथों 4-2 से हारने के बाद भी टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही। 38 साल के इतिहास में भारत पहली बार फाइनल में पहुंचा है। इससे पहले भारत को 1982 में कांस्‍य पदक मिला था। फाइनल में उसका मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से ही होगा। इस मैच में अगर टीम इंडिया हार भी जाती है तो भी उसका रजत पदक पक्‍का है। गुरुवार को खेले गए मैच में भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 4-2 से हार मिली थी।

सही दिशा में बढ़ रही है भारतीय हॉकी टीम, लेकिन रियो में पदक तय नहीं: रासकिन्हा

टीम इंडिया के फाइनल में पहुंचने की उम्मीद ब्रिटेन और बेल्जियम के बीच मुकाबले पर टिकी थी। ब्रिटेन और बेल्जियम को फाइनल में पहुंचने के लिए जीत की जरूरत थी। लेकिन दोनों का मैच 3-3 से बराबरी पर छूटा। इससे टीम इंडिया फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही। भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच मैच में रिकॉर्ड 13 बार चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने शुरू से आक्रामक खेल दिखाया, उसके लिये 21वें मिनट में ट्रेंट मिल्टन, 23वें मिनट में अरान जालेवस्की, 35वें मिनट में फ्लिन ओगिलिव और 45वें मिनट ट्रिस्टियन वाइट ने गोल किये।

सरदार सिंह बोले- पंजाब ड्रग्स की चपेट में, अगर हॉकी ना खेलता तो मैं भी ड्रग्स लेने लगता

भारत की ओर से पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ वीआर रघुनाथ ने 45वें और स्ट्राइकर मंदीप सिंह ने 49वें मिनट में गोल किया। टीम ने अंतिम क्वार्टर में वापसी करने की कोशिश की लेकिन उनका आक्रमण स्कोर कार्ड पर असर डालने में नाकाम रहा। पीआर श्रीजेश और युवा खिलाड़ियों के अच्छे प्रयास के बावजूद भारतीय टीम जीत नहीं सकी। भारत अंकतालिका में 7 अंकों के साथ दूसरे पायदान पर रहा। ऑस्ट्रेलियाई टीम पहले ही फाइनल में जगह बना चुकी थी और 13 अंक लेकर शीर्ष पर ही है।