साल 2018 पूरी तरह भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के नाम रहा। बुमराह ने इस साल अपनी धारदार गेंदबाजी से एक अलग पहचान बनाई है। बुमराह की गेंदबाजी में काफी विविधता है लेकिन वो अपने सटीक यार्कर के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं। डेथ ओवरों में बुमराह जिस प्रकार लगातार यॉर्कर मारते है वो हर किसी के बस की बात नहीं। लिमिटेड ओवर क्रिकेट के एक्सपर्ट माने जाने वाले बुमराह ने इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ़्रीकी दौरे से टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया और साल के अंत में भारत को पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जिता टेस्ट क्रिकेट में भी अपनी चाप छोड़ दी। इस सीरीज के अंत में क्रिकेट पंडितों से लेकर कमेंट्रेटर्स तक सभी बुमराह की तारीफों के पुल बांध रहे थे। इस सीरीज के बाद हर कोई उनकी यॉर्कर का कायल हो चुका था। बुमराह ने अब अपनी यॉर्कर का राज़ सब को बताया है।

25 साल के इस युवा गेंदबाज ने बताया कि बचपन में वे काफी टेनिस बॉल क्रिकेट खेलते थे। उस दौरान उन्होंने यॉर्कर मारना सीखा। बुमराह ने बताया ‘मैंने बचपन में बहुत टेनिस बॉल क्रिकेट खेला है। टेनिस गेंद से खेलते वक़्त गेंदबाज के पास ज्यादा विकल्प नहीं होते। टेनिस बॉल से सिर्फ लेंथ मायने रखती है। ऐसे में आपके पास सिर्फ एक विकल्प बचता है यॉर्कर का। मैंने यॉर्कर की प्रैक्टिस की। मैं उस समय मजाक में क्रिकेट खेलता था लेकिन जब आप क्रिकेट को लेकर सीरियस हो जाते हो तो फिर आपको इस गेंद की अहमियत का अंदाजा होता है।

आगे बुमराह ने कहा अभी मुझे इसपर और काम करने की जरुरत है। उन्होंने कहा वे एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं और वे अपनी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देते हैं। वे अपनी लेंथ, बाउंस और क्रिकेट के तीन प्रारूपों के साथ तालमेल बिठाकर उसके हिसाब से गेंदबाजी करने के लिए लगातार काम करते रहते हैं। बुमराह इस समय विश्व के नंबर 1 गेंदबाजों में से एक हैं। बुमराह इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड कप में निश्चित तौर पर भारत के सबसे अहम खिलाड़ी साबित हो सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया में खेली गई टेस्ट सीरीज के बाद से बुमराह आराम पर हैं। अब वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली घरेलु सीरीज में वापसी करेंगे