एक समय उभरते हुए खिलाड़ियों में शामिल करुण नायर को 12 महीने में ही अनुभव हो गया कि खेल में कितना उतार-चढ़ाव आ सकता है। दिसंबर 2016 में टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़कर नायर ने सुर्खियां बटोरी थी लेकिन दिसंबर 2017 तक वह किसी भी प्रारूप में भारतीय टीम में जगह बनाने की दौड़ में शामिल नहीं थे। नायर की नजरें अब चोटिल आर विनय कुमार की गैरमौजूदगी में कर्नाटक को विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब दिलाने पर टिकी हैं जिसे बुधवार को क्वार्टर फाइनल में हैदराबाद से फिरोजशाह कोटला पर भिड़ना है।

तिहरे शतक के बाद के जीवन के बारे में पूछने पर नायर ने कहा, ‘‘पिछले एक साल ने मुझे सब कुछ दिखा दिया। यह मुझे आसमान पर ले गया और फिर धरती पर पटक दिया।’’ फिर क्या सब सीखा यह पूछने पर नायर ने कहा, ‘‘इसने मुझे सिखाया कि भावनात्मक रूप से स्थिर रहो। जब आप शीर्ष पर हो तो ऊंचे नहीं उड़ सकते क्योंकि आप कभी भी नीचे गिर सकते हो। आपको समान व्यक्ति रहना होगा। एक साल में ही इसने मुझे मेरे जीवन में सब कुछ दिखा दिया।’’

दूसरी तरफ, बेहतरीन फार्म में चल रही भारतीय टीम दूसरे ट्वेंटी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में बुधवार को जब सेंचुरियन में अजेय बढ़त हासिल करने के उद्देश्य से मैदान पर उतरेगी तो उसे आत्ममुग्धता से बचना होगा क्योंकि मेजबान टीम भी श्रृंखला जीवंत रखने के लिए अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करेगी। भारतीय टीम ने जोहानिसबर्ग में पहला टी20 मैच 28 रन से जीता था और अगर वह अपने इस प्रदर्शन को जारी रखते हैं तो फिर वह इस दौरे में दूसरी श्रृंखला जीतने में कामयाब रहेगी।

टेस्ट श्रृंखला में 1-2 से हार के बाद भारत ने एकदिवसीय श्रृंखला 5-1 से जीती तथा अब वह टी20 श्रृंखला जीतकर दौरे का सुखद अंत करने की कोशिश करेगा। भारत अगर तीन मैचों की इस श्रृंखला में क्लीन स्वीप करता है तो आईसीसी टी20 टीम रैंकिंग में दूसरे स्थान पर पहुंच सकता है लेकिन अगर ऑस्ट्रेलिया बुधवार को न्यूजीलैंड को टी20 त्रिकोणीय श्रृंखला के फाइनल में हरा देता है तो फिर अपने वर्तमान तीसरे स्थान पर ही बना रहेगा।