महानतम मुक्केबाज मोहम्मद अली का शनिवार को बीमारी के चलते निधन हो गया। वे अस्पताल में भर्ती थे और सांस की बीमारी के चलते उनका निधन हुआ। मोहम्मद अली भारत भी आए थे। यहां पर उनका भारत के एक मुक्केबाज से मुकाबला भी हुआ था। उनका सामना करने वाले मुक्केबाज हैं कौर सिंह। सिंह अब 63 साल के हो चुके हैं और पंजाब के संगरूर जिले में पैतृक गांव में खेती करते हैं। इंडियन एक्सप्रेस से फोन पर बातचीत में उन्होंने बताया, ”उसके मुक्के बहुत ही दमदार थे।”
कौर सिंह हेवीवेट बॉक्सर थे और उन्होंने 1982 में एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल भी जीता था। मोहम्मद अली से उनका सामना दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में 27 जनवरी 1980 को हुआ था। यह मैच चार राउंड तक चला था। इसे देखने के लिए 50 हजार दर्शक आए। अली उस समय 38 साल के थे और एक साल बाद वे रिटायर हो गए।
कौर सिंह ने बताया, ”मुझे आज भी उनका मशहूर जेब(मुक्का मारने का एक तरीका) याद है। उन्होंने दाएं हाथ से मेरे पंच को रोका और बाएं हाथ से मुझ पर वार किया। उनकी स्पीड गजब की थी। चार राउंड में एक बार भी उनकी स्पीड कम नहीं हुई। नेशनल कैंप में सबके कमरों में उनके पोस्टर थे। हम उनके बॉक्सिंग स्टाइल को अपनाने की कोशिश करते थे। मुझे याद है जब मुझे कहा गया कि मैं अपने हीरो से लड़ूंगा। मैं दिल्ली में मोतीबाग स्थित कैंप में था और नर्वस था। मैंने उन्हें ट्रेनिंग करते हुए देखा और उनके पास गया और हाथ मिलाया।”
पूर्व खेल पत्रकार नॉरिस प्रीतम ने बताया, ”वह वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन थे। वो बॉक्सिंग का शहंशाह था। जिस समय हमें फाइट के बारे में पता चला उस समय हम दिल्ली में नेशनल स्टेडियम में थे। अली ऐसे थे जिनकी हर बॉक्सर तारीफ करता था। कौर सिंह के के खिलाफ फाइट में उन्होंने यह दिखाया। हालांकि यह प्रदर्शनी मैच था लेकिन लोगों ने अली को चीयर किया। रिंग में फाइट के दौरान भी अली बच्चों से बात करते रहे।”
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