भारत के मध्यम दूरी के धावक अविनाश साबले दाएं पैर की पिंडली और हैमस्ट्रिंग में चोट के कारण इस सीजन अब तक अपने पर्सनल बेस्ट (8 मिनट 9:91 सेकंड) के आसपास भी नहीं पहुंच पाए हैं। पिछले वर्ष पेरिस डायमंड लीग में अविनाश साबले 3000 मीटर स्टीपलचेज में 8 मिनट 10 सेकंड से कम समय में रेस पूरी करने वाले पहले भारतीय बने थे, जो राष्ट्रीय रिकॉर्ड है।
महाराष्ट्र के बीड जिले में 13 सितंबर 1994 को जन्में अविनाश साबले ने खुलासा किया कि दाएं पैर की पिंडली और हैमस्ट्रिंग में चोट है, जिससे उनके समय पर असर पड़ा है। हालांकि, अब वह ठीक हो गए हैं और उनकी नजर अगले महीने मोनाको डायमंड लीग में शानदार प्रदर्शन करने पर है। सितंबर 2025 में होने वाली विश्व चैंपियनशिप पर भी उनकी निगाहें हैं।
इसके लिए वह वर्तमान में बेंगलुरु के स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के केंद्र में जमकर पसीना बहा रहे हैं। अविनाश साबले खुद के लिए बेंगलुरु के साई सेंटर को बहुत लकी भी मानते हैं। उनका यह भी दावा है कि ‘एक छत के नीचे’ जितनी सुविधाएं यहां हैं, उतनी अमेरिका तक में नहीं हैं।
2017 से बहुत कुछ बदल गया: अविनाश साबले
अविनाश साबले ने कहा, ‘मैं 2017 में पहली बार यहां आया था, तब से लेकर आज तक यहां बहुत बदलाव हुए हैं। जैसे यहां पहले एक ही सिंथेटिक ट्रैक होता था, आज 2 ट्रैक हैं और ये जो स्मार्ट ट्रैक है, तो इससे हम जो भी गतिविधि करते हैं उसको ट्रैक कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा यहां का जो रिकवरी सेंटर है, …जैसे पहले एथलीट इंजर्ड होते थे तब भी ऐसी सुविधाएं थीं, लेकिन आज की तारीख में यह बहुत ज्यादा आधुनिक (रिकवरी सेंटर) हो गया है। जिम वगैरह में भी बहुत ज्यादा बदलाव आए हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो साई सेंटर बहुत एडवांस हो गया है। इसके अलावा TOPS में भी बहुत ज्यादा बदलाव आए हैं। वहां से भी हमें बहुत अच्छा सपोर्ट मिल रहा है।’
अमेरिका में भी इतनी सुविधाएं एक जगह नहीं: साबले
अविनाश साबले ने कहा, ‘यहां साई में इतनी अच्छी फैसिलिटी है। मैं तो अमेरिका वगैरह में भी ट्रेनिंग लिया हूं, लेकिन इतनी सारी सुविधाएं एक जगह पर वहां पर भी उपलब्ध नहीं थीं, इसलिए मुझे यहां ट्रेनिंग करना बहुत ज्यादा पसंद है। मैंने ज्यादा टाइम अपनी ट्रेनिंग यहीं पर की है और जब भी यहां से ट्रेनिंग कर किसी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने गया हूं तो नतीजे आए हैं।
उन्होंने बताया, ‘…तो मैं जो भी अपनी बेस्ट रेस भागा हूं। मैं सभी यहीं से भागा (साई बेंगलुरु में ट्रेनिंग के बाद) हूं। जैसे मैं हाफ मैराथन भागा। स्टीपलचेज के लिए…। जो भी अच्छी रेस भागा हूं। एशियन गेम्स से पहले मैं यहां पर आकर ट्रेनिंग किया था। तो मुझे ओवरऑल यहां की ट्रेनिंग फैसिलिटी बहुत अच्छी लगती है।’
अविनाश साबले का अब तक का प्रदर्शन
- 2022 हांग्झू एशियन गेम्स: 3000 मीटर स्टीपलचेज: स्वर्ण पदक
- 2022 हांग्झू एशियन गेम्स: 5000 मीटर: रजत पदक
- 2022 बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स: 3000 मीटर स्टीपलचेज: रजत पदक
- 2025 गुमी एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप: 3000 मीटर स्टीपलचेज: स्वर्ण पदक
- 2019 दोहा एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप: 3000 मीटर स्टीपलचेज: रजत पदक
(लेखक भारतीय खेल प्राधिकरण के निमंत्रण पर एनएसएससी बेंगलुरु में थे।)
