Indian Army Day 2020: देश की थलसेना 15 जनवरी को आर्मी डे सेलिब्रेट कर रही है। दिल्ली के कैंट एरिया में स्थित करिअप्पा ग्राउंड में सेना चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की मौजूदगी में आर्मी के जवानों ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। इस दौरान जवानों का जोश देखते ही बनता है। इस खास दिन पर पूर्व खेल मंत्री और भारतीय निशानेबाज कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने अपने इस दौर को याद किया जब वह सेना में भर्ती हुए थे। राठौड़ ने अपने सोशल अकाउंट पर एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें वह इंडियन आर्मी की यूनिफॉर्म में दिख रहे हैं। इस तस्वीर को शेयर कर राठौड़ ने बीते दिनों को याद किया। उन्होंने कैप्शन में लिखा, ’17 साल की उम्र में जब NDA से निकलकर IMA Battalion में शामिल हुआ था, जहां मैंने सीखा कि देश पहले और बाद में मैं खुद।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘इंडियन आर्मी ने तमाम जेंटल्स को योद्धा बनाया, ये मेरे सबसे यादगार साल थे, जब 1994-97 में सुंदर कश्मीर घाटी में मुझे काम करने का मौका मिला।’

राठौड़ की तस्वीर पर उनके चाहने वाले सेना दिवस के पर्व की बधाई देकर उनके जज्बे को सलाम कर रहे हैं। राठौड़ को देशभक्ति का माहौल बचपन से ही मिला था। उनके पिता लक्ष्मण सिंह भी सेना में कर्नल के पद पर तैनात थे। राठौड़ ने सेना में रहते हुए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। 2004 में उन्होंने ओलंपिक खेलों के डबल ट्रैप इवेंट में रजत पदक जीता था। राज्यवर्धन सिंह राठौर को 2005 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

सेना की सेवा के साथ ही उन्होंने ओलपिंक खेलों में भी हमारे देश का नाम ऊंचा किया है। उन्होंने एथेंस में आयोजित हुए खेलों में राठौड़ ने निशानेबाजी में सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद उन्होंने पेरिस ओलपिंक में भी 2 सिल्वर मेडल जीतकर दुनियाभर में भारत का नाम रोशन किया। साल 2013 में राजनीति में आने के लिए उन्होंने स्वेच्छा से आर्मी से विदा ली।

10 साल से अधिक के करिअर में राज्यवर्धन ने राष्ट्रमंडल और एशियायी खेलों में तमाम मेडल जीतकर तिरंगे के मान को बढ़ाया है। सेना और निशानेबाजी से सेवानिवृत्ति के बाद वह 2014 में भाजपा के सांसद बने और नवंबर 2014 में उन्हें सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री का पदभार सौंपा गया। राठौर को 2017 में युवा मामलों और खेल मंत्रालय के लिए स्वतंत्र प्रभार के साथ कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया।