आखिरी 11 मिनट में चार गोल करके भारत ने 2021 की चैंपियन अर्जेंटीना को बुधवार को कांस्य पदक के प्लेऑफ मुकाबले में 4-2 से हराकर नौ साल बाद जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में पदक जीत लिया। दो बार (होबार्ट 2001 और लखनऊ 2016 में) चैंपियन रही भारतीय टीम ने आखिरी बार नौ साल पहले कोई पदक जीता था। पिछले दो बार टीम कांस्य पदक का मुकाबला हारकर चौथे स्थान पर रही थी।
भारत के लिए अंकित पाल (49वां), मनमीत सिंह (52वां), शारदानंद तिवारी (57वां) और अनमोल इक्का (58वां) ने गोल दागे। वहीं अजेंटीना के लिए निकोलस रौद्रिगेज (पांचवां) और सैंटियागो फर्नांडिस (44 वां) ने गोल किए। तीन क्वार्टर तक दो गोल से पिछड़ने के बाद भारत ने शानदार वापसी करते हुए आखिरी क्वार्टर में दनादन चार गोल करके खचाखच भरे मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम में मानो जान फूंक दी।
शारदानंद ने भारत को दिलाई बढ़त
पहले 49वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को अंकित ने गोल में बदलकर भारत का खाता खोला। वहीं 52वें मिनट में भारत को फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर अनमोल इक्का के शॉट पर गेंद डिफ्लैक्ट होकर मनमीत की स्टिक से टकराकर गोल के भीतर गई।
स्कोर 2-2 से बराबर होने के बाद लग रहा था कि मैच शूटआउट में जाएगा, लेकिन आखिरी सीटी बजने से तीन मिनट बाकी रहते भारत को अहम पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिसे शारदानंद तिवारी ने गोल में बदलकर पहली बार भारत को बढ़त दिलाई।
अर्जेंटीना को अगले मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन इस टूर्नामेंट की खोज रहे गोलकीपर प्रिंसदीप सिंह ने एक बार फिर शानदार बचाव किया। भारत को 58वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को अनमोल इक्का ने गोल में बदला।
पहले तीन मिनट में ही गोल गंवाने से स्तब्ध भारतीय टीम पहले पूरे क्वार्टर में दबाव में नजर आई। टूर्नामेंट के राउंड रॉबिन चरण में 29 गोल करने वाली मेजबान टीम कठिन प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ गोल करने के लिए जूझती दिखी।
पिछले मैच में जर्मनी ने उसकी फॉरवर्ड पंक्ति को बांधे रखा तो वहीं इस मुकाबले में पहले हाफ में अर्जेंटीना के गोल में ज्यादा घुस नहीं पाये और एक भी पेनल्टी कॉर्नर हासिल करने में नाकाम रहे। मैच शुरू होते ही अनमोल इक्का की गलती पर अर्जेंटीना को पेनल्टी स्ट्रोक मिल गया जिसे निकोलस रौद्रिगेज ने गोल में बदलकर मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम पर भारी तादाद में जमा दर्शकों को निराशा हाथ लगी।
पहले क्वार्टर के आखिरी मिनट में भारत को बराबरी का मौका मिला जब आमिर अली से गेंद लेकर सौरभ आनंद कुशवाहा आगे बढे और अंकित पाल को गेंद सौंपी लेकिन अजित यादव इस मूव को अंजाम तक पहुंचाने में नाकाम रहे। दूसरे क्वार्टर में भी यही कहानी दोहराई गई।
पहले ही मिनट में अर्शदीप ने हवाई पास दिया लेकिन आमिर ने उसे रोककर गेंद के स्थिर होने से पहले ही स्टिक घुमाकर मौका गंवा दिया। भारतीय टीम के पास फिर 22वें मिनट में बराबरी का गोल दागने का मौका था लेकिन सर्कल के भीतर पहले दिलराज सिंह और फिर अर्शदीप का कमजोर शॉट जर्मन गोलकीपर ने आसानी से बचा लिया।
इसके तीन मिनट बाद अजित भी सटीक निशाना लगाने में नाकाम रहे। पहले हाफ में अर्जेंटीना ने एक गोल से बढत बना ली थी। भारत को मैच का पहला पेनल्टी कॉर्नर दूसरे हाफ के पहले ही मिनट में मिला। पेनल्टी कॉर्नर पर भारत की कमजोरी उजागर हुई जब लगातार चार मौकों में से एक भी तब्दील नहीं हो सका।
चौथे पेनल्टी कॉर्नर पर अनमोल का सीधा शॉट गोलपोस्ट से टकराकर बाहर निकल गया। अर्जेंटीना को इस बीच जवाबी हमलों में 40वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन टूर्नामेंट में अब तक शानदार प्रदर्शन करने वाले गोलकीपर प्रिंसदीप ने एक बार फिर शानदार बचाव किया, लेकिन भारतीय डिफेंस को एक बार फिर छितर बितर करके अर्जेंटीना ने दूसरा गोल करके खलबली मचा दी।
तीसरा क्वार्टर खत्म होने से एक मिनट पहले सैंटियागो फर्नांडिस ने भारतीय डिफेंस को पूरी तरह चकमा देकर गोल के बायें ओर से सटीक शॉट लगाकर गेंद को भीतर घुसा दिया। IPL 2026 Auction: ऑस्ट्रेलिया के 20 खिलाड़ियों की लगेगी बोली, कैमरन ग्रीन-स्टीव स्मिथ वाली लिस्ट में एक भारतीय भी शामिल
