दिलप्रीत सिंह के दो गोल की मदद से भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने गत चैंपियन दक्षिण कोरिया को रविवार 7 सितंबर 2025 की रात फाइनल में 4-1 से हराकर आठ साल बाद एशिया कप खिताब जीता और अगले साल होने वाले विश्व कप के लिए भी क्वालिफाई कर लिया।
मलेशिया तीसरे, चीन चौथे और जापान 5वें स्थान पर रहा
मलेशिया ने चीन को 3-0 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया। जापान ने बांग्लादेश को हराकर पांचवां स्थान पाया। हॉकी पुरुष विश्व कप 2026 में 14 से 30 अगस्त तक बेल्जियम और नीदरलैंड्स में होना है। भारत ने अब तक सिर्फ एक बार 1975 में कुआलालंपुर विश्व कप जीता है।
भारत ने चौथी बार जीता एशिया कप
भारत ने चौथी बार एशिया कप खिताब जीता है। इसके साथ ही वह पांच बार की चैंपियन कोरिया के बाद टूर्नामेंट की दूसरी सबसे सफल टीम बन गई। भारत ने इससे पहले 2003 (कुआलालंपुर) , 2007 (चेन्नई) और आखिरी बार 2017 (ढाका) में एशिया कप जीता था। दक्षिण कोरिया ने 1994, 1999, 2009, 2013 और 2022 में खिताब जीता है।
सुखजीत सिंह ने खोला भारत का खाता
हॉकी एशिया कप 2025 के फाइनल की बात करें तो बिहार के राजगीर में खचाखच भरे खेल परिसर में भारत के लिए सुखजीत सिंह ने पहले ही मिनट में गोल दागा, जबकि दिलप्रीत सिंह ने 28वें और 45वें मिनट में गोल किये। अमित रोहिदास ने 50वें मिनट में चौथा गोल दागा। पांच बार की चैंपियन दक्षिण कोरिया के लिए एकमात्र गोल 51वें मिनट में डेन सोन ने किया।
भारतीय डिफेंस को नहीं भेद पाया साउथ कोरिया
पहले ही सेकंड से भारतीय टीम ने आक्रामक शुरुआत की। डिफेंस, मिडफील्ड और फॉरवर्ड पंक्ति के बीच कमाल का तालमेल था और एक इकाई के रूप में विरोधी गोल पर कई हमले बोले गए। दूसरी ओर कोरियाई टीम अधिकांश समय रक्षात्मक खेल दिखाती नजर आई जो उस पर भारी पड़ा। साउथ कोरिया को पहले दो क्वार्टर में भारतीय डिफेंस को भेदने में कामयाबी नहीं मिली। कोरियाई टीम गोल करने के मौके भी नहीं बना पाई।
पेनल्टी कॉर्नर को गोल में नहीं बदल पाए जुगराज
भारत के लिए पहला गोल 30वें सेकंड में सुखजीत ने दागा। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने बाएं फ्लैंक से शानदार प्रदर्शन करते हुए सुखजीत को गेंद सौंपी। सुखजीत सिंह ने बाएं कार्नर पर से रिवर्स हिट लगाकर गेंद को गोल के भीतर डाला। दिलप्रीत 8वें मिनट में गोल करने के करीब पहुंचे, लेकिन विवेक सागर प्रसाद के पास पर उनका शॉट कोरियाई गोलकीपर जेहान किम ने बचा लिया। अगले ही मूव पर भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला, लेकिन जुगराज सिंह की कोशिश नाकाम रही।
भारतीय डिफेंंस के आगे साउथ कोरिया फेल
भारतीय आक्रामक पंक्ति ने कोरियाई डिफेंस को पूरे मैच में दबाव में रखा। हरमनप्रीत ने हवा में गेंद उछालकर बाएं कॉर्नर पर संजय को पास दिया जिसने सर्कल के भीतर दिलप्रीत को गेंद सौंपी। उन्होंने गोल करके हाफटाइम तक भारत को 2-0 से बढ़त दिला दी। साउथ कोरिया को पहला मौका 40वें मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला, लेकिन भारतीय डिफेंस फिर अडिग था।
भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर 44वें मिनट में मिला, लेकिन हरमनप्रीत की कोशिश पहले रशर ने नाकाम कर दी। तीसरे क्वार्टर के आखिर में दिलप्रीत ने भारत के लिए एक और गोल किया। हरमनप्रीत ने फ्री हिट पर राजकुमार पाल को पास दिया।
हरमनप्रीत ने दिलप्रीत को गेंद सौंपी। दिलप्रीत ने गोल करने में कोई गलती नहीं की। पांच मिनट बाद भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे अमित रोहिदास ने गोल में बदला। कोरिया के लिए अंतिम मिनट में सोन ने एकमात्र गोल किया।
भारत ने अपने पूल के सभी मैच जीते थे
भारत ने टूर्नामेंट में पांच जीत दर्ज की और एक ड्रॉ खेला। हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली टीम ने तीनों पूल मैच जीते। सुपर 4 चरण में मलेशिया को 4-1 और चीन को 7-0 से हराया, जबकि कोरिया से मैच 2-2 से ड्रॉ रहा था।