भारतीय टीम ने गुरुवार को वेस्टइंडीज को पांच विकेट से हराकर सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल की। इस जीत में टीम के स्पिन गेंदबाज कुलदीप यादव ने अहम भूमिका निभाई। कुलदीप ने इस मुकाबले में तीन ओवर में महज छह रन देकर चार विकेट लिए। उन्होंने दो ओवर मेडल डाले। इस प्रदर्शन के बावजूद कुलदीप यादव को नहीं लगता कि टीम की प्लेइंग इलेवन में उनकी जगह पक्की है।

कुलदीप यादव के मुताबिक टीम संयोजन के कारण कई बार उन्हें बाहर बैठना पड़ा और यह उनके लिए सामान्य बात है। बायें हाथ के कलाई के इस स्पिनर का मानना है कि मौके गंवाने पर दुखी होने की बजाय हर मौके का फायदा उठाना बेहतर है ।

प्लेइंग इलेवन से बाहर बैठना कुलदीप के लिए सामान्य बात

‘प्लेयर आफ द मैच’ चुने गए कुलदीप ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ज्यादातर समय हमें हालात और टीम संयोजन की वजह से खेलने का मौका नहीं मिलता। अब यह सामान्य बात है। मैं इतने साल से क्रिकेट खेल रहा हूं। अब छह साल से अधिक हो गए। ये चीजें सामान्य हैं ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘मैं अब विकेट लेने के बारे में ज्यादा नहीं सोचता। मेरा फोकस प्रक्रिया पर है कि किस लैंग्थ से गेंद डालनी चाहिये।’’ कुलदीप यादव को उनके डेब्यू के बाद से अब तक 302 में से 184 मैचों में प्लेइंग इलेवन से बाहर बैठाया गया है।

गेंदबाजी पर काम कर रहे हैं कुलदीप

इस साल नौ वनडे में 19 विकेट ले चुके कुलदीप को आठ विकेट लेने के बावजूद दिसंबर में बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट में नहीं चुना गया था । उन्होंने कहा ,‘‘पिछले डेढ साल से जब भी मौका मिला है , मैने अच्छी लैंग्थ पर गेंद डालने की कोशिश की है । मैं लगातार अच्छी गेंदबाजी करना चाहता हूं । जहां तक विकेट का सवाल है तो किसी दिन मिलेंगे और किसी दिन नहीं । मैं वैरिएशन तभी आजमाता हूं जब विरोधी टीम जल्दी से चार या पांच विकेट गंवा चुकी होती है ।’’

एनसीए में रहकर हुआ काफी सुधार

कुलदीप ने कहा कि भारतीय टीम में प्रतिस्पर्धा से उन्हें अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है और वह प्रदर्शन की बजाय प्रक्रिया पर फोकस कर रहे हैं । उन्होंने कहा ,‘‘भारतीय टीम में प्रतिस्पर्धा हमेशा रहेगी लेकिन इससे अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है । मैने एनसीए में अपनी गेंदबाजी पर काम किया है। मौका मिलने पर मैं उसका पूरा फायदा उठाने की कोशिश करता हूं ।’’