भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त बना ली है। दोनों टीमें सीरीज के आखिरी टेस्ट में धर्मशाला में एक-दूसरे का सामना करेंगी। भारत ने दिग्गज खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में भी इंग्लैंड को सीरीज में मात दी है। धर्मशाला टेस्ट भारत के लिए सबसे बड़ी परीक्षा साबित होने वाली है। इसका बड़ा कारण है धर्मशाला का मौसम।

आखिरी टेस्ट में जीत चाहेगा भारत

पहले टेस्ट जीतने के बावजूद सीरीज हार चुका इंग्लैंड चाहेगा कि वह अभियान का अंत जीत के साथ ही करे। आखिरी मैच धर्मशाला में होना है जहां कि परिस्थितियां इंग्लैंड के लिए घर जैसी होंगी। हालांकि पिच की स्थिति मौसम पर निर्भर करेगी। चौथे और पांचवें टेस्ट के बीच 10 दिन का समय था इसके बावजूद धर्मशाला की पिच पर काम एक हफ्ते पहले ही शुरू हो गए।

15 दिन पहले ही पिच पर शुरू हो गया था काम

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक पिच कैसी होगी यह नमी पर निर्भर करता है। अगर ज्यादा नमी होगी तो तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगी। धर्मशाला के मौसम को देखकर पिच का काम 15-20 दिन पहले ही शुरू कर लिया गया। अगर बारिश का मौसम रहता है तो गेंद में मूवमेंट हो सकता है।

इस सीरीज में अब तक धीमी पिच देखने को मिली है। जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता है तो पिच टर्न करने लगती है। भारतीय टीम रांची में नाखुश थी जहां गेंद दूसरे दिन कम टर्न हुई और आखिरी दिन बल्लेबाजी करना मुश्किल हो गया।

नमी का रोल होगा अहम

आखिरी टेस्ट में मौसम का रोल अहम होगा। दिन का तापमान 15 डिग्री से ज्यादा नहीं बढ़ रहा है। वहीं रात का तापमान 7 डिग्री तक गिर जाता है। आने वाले दिनों में बारिश की संभावना भी है। धर्मशाला की पिच काली मिट्टी से बनी है। ऐसे में स्लो पिच बनाना मुश्किल काम नहीं है लेकिन इसमें लिए पिच की नमी का रोल बहुत अहम था।

हैदराबाद और विशाखात्तनम में में टेस्ट सर्दियों के खत्म होते समय खेले गए। ओस और कोहरे के कारण यहां पहले सेशन में काफी नमी थी। दिन होते हुए भारत की अपील पर ग्राउंड स्टाफ ने ट्रैपोलिन की जगह सैक के कपड़े से पिच को ढका ताकि पिच की नमी उड़ जाए। धर्मशाला में नमी ज्यादा समय तक रहेगी क्योंकि यहां तापमान कम रहता है। पिच को पानी देने में भी इसका ख्याल रखा जा रहा है। अगर नमी ज्यादा रहेगी तो पानी नहीं दिया जाएगा।