बेहतरीन फार्म में चल रहे कप्तान विराट कोहली के 23वें टेस्ट शतक की बदौलत भारत ने तीसरे क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन इंग्लैंड को जीत के लिए रिकार्ड 521 रन का लक्ष्य दिया। कोहली ने 197 गेंद में 10 चौकों की मदद से 103 रन की पारी खेलने के अलावा चेतेश्वर पुजारा (72) के साथ तीसरे विकेट के लिए 113 और अजिंक्य रहाणे (29) के साथ चौथे विकेट के लिए 57 रन की साझेदारी भी की, जिससे भारत ने सात विकेट पर 352 रन बनाने के बाद दूसरी पारी घोषित की। हार्दिक पंड्या ने भी अंत में 52 गेंद में सात चौकों और एक छक्के की मदद से नाबाद 52 रन की पारी खेली।

मैच की खास बात ये है कि एक कप्तान के रूप में कोहली ने एक बड़ा रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है। उन्होंने टेस्ट में टीम इंडिया का कप्तान रहते 10 बार एक ही मैच 200 या इससे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड बनाया है। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कोहली ने सिर्फ 38 टेस्ट मैच खेले हैं। लिस्ट में दूसरे नंबर वेस्टइंडीज के पूर्व खिलाड़ी लारा हैं, जिन्होंने 7 सात बार यह कारनाम किया। इस दौरान उन्होंने 47 टेस्ट मैच में कप्तानी की। तीसरे नंबर ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज पूर्व खिलाड़ी रिकी पोंटिंग हैं। उन्होंने सात बार एक मैच में 200 या इससे ज्यादा रन बनाए हैं। पोंटिंग ने 77 मैचों में कप्तानी की। चौथे नंबर पर डॉन ब्रेडमैन हैं, जिन्होंने छह बार ये कारनामा किया। इस दौरान उन्होंने 24 मैच में अपनी टीम का नेतृत्व किया।

बता दें कि भारत 521 रनों के लक्ष्य के जवाब में इंग्लैंड ने दिन का खेल खत्म होने तक नौ ओवर में बिना विकेट गंवाए 23 रन बनाए। कीटोन 13 जबकि एलिस्टेयर कुक नौ रन बनाकर खेल रहे हैं। मेजबान टीम अब भी लक्ष्य से 498 रन दूर है। पांच दिवसीय क्रिकेट के इतिहास में कोई टीम चौथी पारी में 451 से अधिक रन नहीं बना पाई है। यह रिकार्ड न्यूजीलैंड के नाम दर्ज है जिसने मार्च 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ क्राइस्टचर्च में 451 रन बनाए थे।

इंग्लैंड में चौथी पारी में सर्वाधिक रन का रिकार्ड भी न्यूजीलैंड के नाम दर्ज है जिसने नॉटिंघम में ही मार्च 1973 में इंग्लैंड के खिलाफ 440 रन बनाए थे। इंग्लैंड की टीम स्वदेश में चौथी पारी में कभी छह विकेट पर 369 रन से अधिक नहीं बना सकी है। उसने यह स्कोर भारत के खिलाफ ही लंदन के द ओवल में अगस्त 2007 में बनाया था। (जनसत्ता ऑनलाइन इनपुट सहित)