चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी का भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया फाइनल मैच विवादों में आ गया। नियमित समय तक दोनों टीमें 0-0 से बराबर रही। इसके चलते पेनल्टी शूट आउट हुआ जिसमें भारत 1-3 से हार गया। लेकिन भारत के कोच रोलेंट आल्टमेंस ने अंपायर्स के एक फैसले के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इसके चलते फैसले का रिव्यू किया गया। काफी रिव्यू के बाद भी फैसला ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में ही दिया गया है। इसके साथ ही भारत के हाथ सिल्वर मेेडल लगा है। भारत ने पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई थी।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया के दूसरे शॉट के खिलाफ इंटरनेशनल हॉकी के निदेशक को शिकायत दी थी। इसमें कहा गया कि भारतीय गोलकीपर श्रीजेश ने हूटर बजने के बाद गेंद रोकी थी। दूसरे शॉट के दौरान ऑस्ट्रेलियन खिलाड़ी ने बॉल श्रीजेश के पैड पर मार दी थी। एक सैकंड के लिए यह नजर नहीं आया। दोनों खिलाडि़यों ने अंपायर की ओर देखा तो अंपायर ने कहा, ”कुछ नहीं, कुछ नहीं। यह क्लियर है।” ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने फिर से खेला और इसी दौरान हूटर बज गया। लेकिन दोनों खिलाड़ी खेलते रहे और श्रीजेश ने गेंद क्लियर कर दी।
भारतीय हॉकी टीम ने रचा इतिहास, पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में बनाई जगह
ऑस्ट्रेलिया ने रिव्यू मांगा और टीवी अंपायर ने निर्णय दिया कि शॉट फिर से लिया जाए। थर्ड अंपायर ने कहा, ”मैंने देखा कि भारतीय गोलकीपर ने अनइंटेंशनल बाधा डाली और शॉट दुबारा से लिया जाए।” दूसरे शॉट में ऑस्ट्रेलिया ने गोल दाग दिया। भारतीय कोच रोलेंट ओल्टमेंस इससे नाराज दिखे। ऑस्ट्रेलिया ने शूट आउट में 3-1 से मैच जीता लेकिन मैच का रिजल्ट घोषित नहीं किया गया। मैच के बाद मेडल सेरेमनी नहीं हुई।
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