इंग्लैंड क्रिकेट टीम का आगामी भारत दौरा खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। इंग्लैंड की टीम को भारत में नौ नवंबर से 20 दिसंबर तक पांच टेस्ट मैच खेलने हैं। लेकिन इस सीरीज पर एक साथ दो-दो तलवारें लटक रही हैं। एक, बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के ने अभी तक सुप्रीम कोर्ट में लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू करने से जुड़े हलफनामा दाखिल नहीं किया है। वहीं बीसीसीआई ने इंग्लैंड क्रिकेट क्लब (ईसीबी) के ऑपरेशंस मैनेजर को पत्र लिखकर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण वो मेहमान टीम का स्वागत करने में सक्षम नहीं है और इसलिए ईसीबी को सीरीज के दौरान अपना खर्च खुद उठाना होगा। भारत और इंग्लैंड को टेस्ट सीरीज के बाद अगले साल जनवरी-फरवरी में 3 वनडे और 3 टी-20 मैच भी खेलने हैं।
मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई के सचिव शिर्के द्वारा लिए गए पत्र में ईसीबी से कहा गया है कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के वित्तीय लेनदेन की निगरानी करने के लिए एक समिती बनाई है और उसके आर्थिक मामलों पर अदालतकी तरफ से प्रतिबंध लगाए गए हैं। शिर्के ने अपने पत्र में कहा है कि इंग्लैंड की टीम को भारत दौरे में होटल और यात्रा खर्च समेत अन्य सुविधाएं दी जाती रही हैं लेकिन आगामी दौरे में बीसीसीआई इन सुविधाओं को देने की स्थिति में नहीं है। बीसीसीआई ने इस मामले को लोढ़ा समिति के सामने भी उठाया है और उससे मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) को तत्काल लागू करने की अनुमति दी जाए।
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दूसरी तरफ बोर्ड अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के ने 21 अक्टूबर को दिए गए अदालत के आदेश के अनुरूप हलफनामे अब तक जमा नहीं किए हैं। दोनों को लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू करने का हलफनामा देना है लेकिन अभी तक दोनों हलफनामे नहीं जमा किए हैं। हलफनामा दायर करने की आखिरी तारीख 5 नवंबर है। वहीं लोढ़ा समिति ने कहा है कि बीसीसीआई और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड के बीच “प्रस्तावित एमओयू” के लिए निर्देश तब तक नहीं दिए जा सकते जब तक कि बीसीसीआई समिति को पूरा ब्योरा न उपलब्ध कराए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगर ये सीरीज खटाई में पड़ती है तो इसके लिए मूलतज: बीसीसीआई जिम्मेदार होगा।
