2016 रियो ओलंपिक में भारत एक भी गोल्ड मेडल नहीं जीत पाया था। भारत के हिस्से से सिर्फ 2 मेडल (शटलर पीवी सिंधु, रजत पदक और पहलवान साक्षी मलिक, कांस्य पदक) ही आए थे। भारतीय दल के रियो से बिना गोल्ड लौटने पर योगगुरु रामदेव ने तब भारतीय एथलीटों को ओलंपिक में पदक जीतने का नुस्खा बताया था। उन्होंने कहा था, ‘पतंजलि का दूध पियो, पतंजलि का घी खाओ, तो मेडल आ जाएंगे।’ इंडिया टीवी के शो आप की अदालत में रजत शर्मा ने इन्हीं बातों का हवाला देते हुए रामदेव पर अपने प्रॉडक्ट का बहुत ज्यादा विज्ञापन करने का आरोप लगाया था। इस पर रामदेव ने सफाई दी थी।

रामदेव ने रजत शर्मा से कहा, ‘मैंने कहा था कि गाय का दूध पियो, गाय का घी खाओ, उससे मेडल आएंगे। घी खाने से ताकत आती है। विदेशी कंपनियां क्या करती हैं, मैं बचपन से देख रहा हूं। लाइफबॉय है जहां, तंदुरुस्ती है वहां। अरे साबुन खाकर मरना है क्या। गाय का घी खा लो। दूध पी लो। थोड़ी ताकत आ जाएगी। ये (विदेशी कंपनियां) उलटे-पुलटे विज्ञापन करते थे। मैं सही बातों को विज्ञापन करता हूं। मैं अच्छी बातों को प्रमोट करता हूं। मैं अपनी ताकत का, अपने ज्ञान का सही कामों में इस्तेमाल करता हू्ं।’

इसी शो में उन पर आरोप लगाया गया कि स्वामी रामदेव व्यापार के लिए देशभक्ति को बेचते हैं। रजत शर्मा ने कहा, ‘आपके विज्ञापन में लिखा है कि हमारे उत्पादन के प्रयोग से महात्मा गांधी, भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल जैसी महान शख्सियतों का सपना पूरा होगा।’ रजत शर्मा ने रामदेव से पूछा, ‘अपना प्रॉडक्ट बेचने के लिए आप गांधीजी, भगत सिंह को बेच रहे हैं?’

इस पर रामदेव ने रजत शर्मा और शो में मौजूद ऑडियंस को एक भजन (मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो कफन स्वदेशी…) सुनाया। उन्होंने कहा, ‘यह भजन गाते थे, चंद्रशेखर, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और राम प्रसाद बिस्मिल।’ इस पर रजत शर्मा ने उन्हें बीच में ही टोकते हुए कहा, ‘वे यह थोड़े ही कहते थे कि पतंजलि की चीजें खरीदो।’ इस पर रामदेव ने कहा, ‘वे कहते थे कि स्वदेशी चीजें खरीदो। आप बना लो पतंजलि। हम तो बंद कर देंगे। आप ही की खरीद लेंगे।’ इस पर रजत चुप रह गए।

रामदेव ने आगे कहा, ‘वे (महात्मा गांधी, चंद्रशेखर, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और राम प्रसाद बिस्मिल) कहते थे कि स्वदेशी से ही राष्ट्र स्वावलंबी बनेगा, स्वाधीन बनेगा। महात्मा गांधी का स्वदेशी का सपना नीलाम कर दिया, इन अकर्मण्य राजनेताओं ने। किसी ने उनके जिस्म का कत्ल किया। किसी ने उनके सिद्धांतों का कत्ल किया। महात्मा गांधी का स्वदेशी का सपना था। चंद्रशेखर, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव का स्वदेशी का सपना था। मैं उनके सपनों को पूरा कर रहा हूं।’